Edited By Swati Sharma, Updated: 27 Nov, 2024 10:44 AM
बिहार जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरोप लगाया कि उप-चुनाव में मिली करारी पराजय से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपना आपा खो चुके हैं। कुशवाहा ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि उप-चुनाव में मिली करारी पराजय से नेता प्रतिपक्ष...
पटना: बिहार जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरोप लगाया कि उप-चुनाव में मिली करारी पराजय से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपना आपा खो चुके हैं।
'गरीबों का वोट लेकर सिर्फ अपने परिवार को फायदा पहुंचाया'
कुशवाहा ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि उप-चुनाव में मिली करारी पराजय से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपना आपा खो चुके हैं। जनता की अदालत में शिकस्त खाने के बावजूद भी वो गलतबयानी कर झूठ और भ्रम फैलाने से बाज नहीं आ रहे है। जातीय गणना और आरक्षण के मुद्दे पर जबरदस्ती श्रेय लेने का प्रयास उनकी बौखलाहट और खिसियाहट को दर्शाता है। नीतीश सरकार की उपलब्धियों पर आधारहीन दावा कर नेता प्रतिपक्ष अपने माता-पिता के शासनकाल की नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं। 15 साल तक सत्ता में रही राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कभी शोषित और वंचित वर्ग की समस्याओं को जानने की जहमत तक नहीं उठाई। गरीबों का वोट लेकर सिर्फ अपने परिवार को फायदा पहुंचाया।
'बिहार की जनता ने जब राजद को 15 वर्षों तक शासन का मौका दिया तो...'
प्रदेश अध्यक्ष ने पूछा कि वर्ष 1990 से 2005 तक तेजस्वी यादव के माता-पिता को बिहार में जातीय गणना कराने और आरक्षण का दायरा बढ़ाने से कौन रोक रहा था? बिहार की जनता ने जब राजद को 15 वर्षों तक शासन का मौका दिया तो उन्होंने कभी दलितए पिछड़ा और अतिपिछड़ा समाज के हितों की कभी चिंता नहीं की और आज वही लोग जातीय गणना और आरक्षण के विषय पर झूठा श्रेय लूटने की कोशिश में लगे है। वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों में बिहार का कमान मिला तो उन्होंने सबसे पहले अतिपिछड़ा समाज के लिए पंचायती राज एवं नगर निकायों में आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित कराई। साथ ही जातीय गणना और आरक्षण दायरे में बढ़ोतरी का ऐतिहासिक निर्णय हमारे नेता नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच का परिणाम है।