Edited By Harman, Updated: 11 Sep, 2024 04:29 PM
पटना उच्च न्यायालय ने 2013 के सिलसिलेवार विस्फोट मामले में चार दोषियों की मौत की सजा बुधवार को 30 वर्ष के कारावास में बदल दी। वहीं, जिन दो लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, उनकी सजा को बरकरार रखा गया है।
पटना: पटना उच्च न्यायालय ने 2013 के सिलसिलेवार विस्फोट मामले में चार दोषियों की मौत की सजा बुधवार को 30 वर्ष के कारावास में बदल दी। वहीं, जिन दो लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, उनकी सजा को बरकरार रखा गया है।
फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदला
गौरतलब हो कि आरोपियों ने निचली अदालत के फैसले को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। बम ब्लास्ट करने वाले सभी चार दोषियों को पहले सिविल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन अब हाईकोर्ट ने बुधवार को दोषी इम्तियाज आलम, हैदर अली, नुमान अंसारी और मोजिबुल्ला अंसारी की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। इसके अलावा, उच्च न्यायालय ने दो अन्य दोषियों उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन कुरैशी को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा। जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया।
गांधी मैदान में हुई थी घटना
उल्लेखनीय है कि गांधी मैदान में बम धमाके की ये घटना 27 अक्टूबर 2013 को हुई थी, उस समय गांधी मैदान पटना में नरेंद्र मोदी एक जनसभा को संबोधित करने आए थे। इस दौरान गांधी मैदान में और आसपास छह स्थानों पर सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। विस्फोटों में छह लोगों की मौत हुई थी और 89 लोग घायल हुए थे। इसे लेकर पटना के गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद 31 अक्टूबर, 2013 को एनआईए ने केस संभाला।