बिहार के शिक्षा विभाग का जिलाधिकारियों से अनुरोध- सरकारी स्कूलों का नियमित तौर पर करें निरीक्षण

Edited By Ramanjot, Updated: 30 Jul, 2023 05:07 PM

bihar education department s request to the district magistrates

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) के के पाठक ने गत 26 जुलाई को सभी जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए उनसे अपने-अपने क्षेत्र के सभी सरकारी स्कूलों का सप्ताह में कम से कम दो बार निरीक्षण करने का...

पटनाः बिहार के शिक्षा विभाग ने जिला प्रशासन द्वारा सरकारी स्कूलों के नियमित निरीक्षण से मिले नतीजों से उत्साहित होकर सभी जिलाधिकारियों से अपने-अपने क्षेत्र में स्कूलों की ‘निगरानी' को नियमित अभ्यास बनाने का अनुरोध किया है। 

कम से कम दो बार निरीक्षण करने का आग्रह
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) के के पाठक ने गत 26 जुलाई को सभी जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए उनसे अपने-अपने क्षेत्र के सभी सरकारी स्कूलों का सप्ताह में कम से कम दो बार निरीक्षण करने का आग्रह किया। इससे पहले, जिलाधिकारियों से अनुरोध किया गया था कि वे अपने जिलों में केवल एक महीने (जुलाई 2023) के लिए सरकारी स्कूलों का नियमित निरीक्षण करें। इस दौरान, विभाग ने पाया कि राज्य में लगभग हर दिन औसतन 23,000 सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया गया। 

कई स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव
एसीएस ने अपने पत्र में कहा, “इसलिए, जिलाधिकारियों द्वारा स्कूलों के निरीक्षण/निगरानी को अब एक नियमित अभ्यास बनाया जाना चाहिए।” इस बीच, शिक्षा विभाग ने माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों द्वारा 1,100 करोड़ रुपए से अधिक की भारी राशि का उपयोग न करने पर निराशा व्यक्त की है। इनमें से कई स्कूलों में पेयजल, शौचालय और लाइट जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। एसीएस ने सभी जिलाधिकारियों को लिखे एक अन्य पत्र में यह भी बताया था कि प्राथमिक विद्यालयों के लिए 261 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अभी भी अप्रयुक्त है, लेकिन इस राशि का इस्तेमाल छात्रवृत्ति प्रदान करने और वर्दी की आपूर्ति के लिए किया जा सकता है। 

जिलाधिकारियों को 24 जुलाई को लिखे पत्र में पाठक ने राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को दैनिक आधार पर शाम को अपने अधिकार क्षेत्र के प्रधानाध्यापकों की आभासी बैठकें आयोजित करने का निर्देश दिया। इन आभासी बैठकों में प्रधानाध्यापकों द्वारा अपने-अपने स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता, छात्रों के लिए पाठ्येत्तर गतिविधियों और अन्य उपायों में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इस पर दैनिक आधार पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। सभी जिलाधिकारियों को कहा गया है कि वे डीईओ के साथ समन्वय कर एक कार्य योजना तैयार करें, ताकि प्रधानाध्यापकों के साथ आभासी बैठकें तुरंत शुरू की जा सकें। राज्य में कुल 75,000 सरकारी स्कूल हैं।

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