बिहार के राज्यपाल ने युवा लेखक आरव श्रीवास्तव की पुस्तक “The Enveloped - Mystery of Dark Power” का किया लोकार्पण

Edited By Ramanjot, Updated: 14 Apr, 2025 09:19 PM

bihar governor book launch

बिहार के राज्यपाल महोदय आरिफ मोहम्मद खां ने आज एक विशेष समारोह में 8वीं कक्षा के छात्र आरव श्रीवास्तव की अंग्रेजी उपन्यास “The Enveloped - Mystery of Dark Power” का लोकार्पण दरबार हॉल, राजभवन में किया।

पटना: बिहार के राज्यपाल महोदय आरिफ मोहम्मद खां ने आज एक विशेष समारोह में 8वीं कक्षा के छात्र आरव श्रीवास्तव की अंग्रेजी उपन्यास “The Enveloped - Mystery of Dark Power” का लोकार्पण दरबार हॉल, राजभवन में किया। यह उपन्यास मात्र 13 वर्ष की आयु में लिखकर आरव ने एक अद्वितीय उपलब्धि हासिल की है, जिसे माननीय राज्यपाल ने अत्यंत सराहनीय बताया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जो भारतीय परंपरा में ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इसके बाद युवा लेखक आरव श्रीवास्तव की पुस्तक “The Enveloped - Mystery of Dark Power” का लोकार्पण हुआ। 

माननीय राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि बाल उपन्यासकार आरव श्रीवास्तव द्वारा लिखित काल्पनिक उपन्यास"THE ENVELOPED: MYSTERY OF DARK POWER" का लोकार्पण कर मुझे काफी प्रसन्नता हो रही है। इस पुस्तक को मैं छोटी आयु में आरव के चेतना के उत्कर्ष के रूप में देखता हूँ। 

हमारे यहाँ अनेक महापुरूष हुए जिनके बाल्यकाल में ही चेतना का इतना अधिक विस्तार हुआ कि उनके व्यक्तित्व और कृतित्व आज भी हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं। 

आदि शंकराचार्य ने काफी कम उम्र में ही अपने गुरू को अपना परिचय छः छंदों की संस्कृत में रचना करते हुए ‘‘चिदानन्द रूपः शिवोऽहम शिवोऽहम्’’ के रूप में दिया था। 

उन्होंने कहा की शब्द में बहुत क्षमता होती है शब्द की साधना बहुत ही कठिन है। 1000 शब्द लिखने से पहले 10000 शब्द पढ़ना पड़ता है। 

युवा लेखक आरव श्रीवास्तव से मुखातिब होते हुए माननीय राज्यपाल महोदय ने कहा कि विवेकानन्द जी ने एक बार कहा था की हम में से हर किसी के अंदर आलौकिक शक्तियां बस्ती है। आपकी रचनात्मकता उस आलौकिक क्षमता का प्रदर्शन है। मुझे आप पर गर्व है। 

आगे उन्होंने कहा की अपनी बात जनमानस तक पहुंचाने का कई जरिया है उसमें से सबसे मजबूत और साशक्त मध्यम है कहानी के द्वारा अपनी बात लोगों तक पहुंचाना। 

युवा लेखक को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि लिखते समय बस यह ध्यान रखना है कि आपकी लेखनी से किसी को पीड़ा न पहुंचे।

इस अवसर पर राज्यपाल ने यह भी जानकारी दी कि आरव का नाम Fantasy Novel श्रेणी में Youngest Novelist की सूची में शामिल किया जा सकता है। 

आरव जैसे प्रतिभावान छात्र की रचनात्मकता न केवल उसके व्यक्तिगत विकास का उदाहरण है, बल्कि यह बिहार के शैक्षणिक वातावरण में नई ऊर्जा का संचार करती है। उन्होंने कहा कि इतनी कम उम्र में उपन्यास लेखन जैसे कठिन कार्य को सफलतापूर्वक पूर्ण करना अद्भुत है।

राज्यपाल महोदय ने आरव के माता अनन्या और पिता प्रणव कुमार के साथ ही शिक्षकों को भी बधाई दी, जिन्होंने आरव के रचनात्मक विकास में सहयोग और समर्थन दिया। खास कर के आरव के नाना राजीव रंजन वर्मा जी को बधाई और धन्यवाद दिया। जिन्होंने आरव की प्रतिभा को पहचानकर उसे इस कार्य के लिए प्रेरित किया और आवश्यक सहयोग प्रदान किया। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक की विषयवस्तु—अच्छाई और बुराई के बीच संघर्ष—हम सभी के भीतर की जिम्मेदारी और नैतिकता को जगाती है। उन्होंने आरव के उज्जवल भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं और आशीर्वाद भी प्रदान किए।

The Enveloped - Mystery of Dark Power की कहानी दो भाइयों, रॉन और हेनरी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक रहस्यमयी शक्ति के संपर्क में आते हैं और उसकी रक्षा की जिम्मेदारी निभाते हैं। इस फंतासी उपन्यास में कल्पना और यथार्थ का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। 

अपनी छोटी-सी दुनिया में खुश रहने वाले दोनों भाईयों की जिन्दगी उस दिन बदल जाती है, जब उनकी माँ का 50वाँ सालगिरह होता है। इस समारोह की तैयारियों के बीच उनके पास एक मायावी अस्त्र हाथ लग जाता है जो उनके भविष्य को ही बदल देता है।

अलौकिक शक्तियों की काल्पनिक दुनिया में उस अस्त्र ने इन दोनों भाईयों को चुना था, क्योंकि वे ही इसकी शक्तियों का सदुपयोग कर सकते थे। इन असीम शक्तियों से कुछ भी बनाया या बिगाड़ा जा सकता था।

उनके पास उस अस्त्र के रहने के कारण दोनों भाईयों ने आगे के दिनों में कई सर्वनाश देखे, कई लोगों की जाने र्गइं और कई बर्बादियाँ हुईं। किन्तु आगे चलकर दोनों भाईयों ने एक दूसरे का साथ देते हुए कठिन अभ्यास करके उस अस्त्र की अलौकिक शक्तियों को अर्जित किया तथा अपने जीवन में सफल हुए। उन्होंने कभी भी इन शक्तियों का दुरूपयोग नहीं किया तथा बुराई की काली शक्ति से इस अस्त्र की सदैव रक्षा की।

आरव का यह उपन्यास हमें यथार्थ एवं कल्पना की एक मिश्रित अनुभूति कराता है। यह कहानी हमें एक जिम्मेदारी, अच्छाई की शक्ति तथा उत्साह के एहसास से ओत-प्रोत करता है।

आरव की लेखन शैली न केवल रूचिकर है अपितु पाठकों के मन में आगे की कहानी जानने की जिज्ञासा एवं उत्सुकता को बरकरार रखता है। यही एक अच्छे कहानीकार या उपन्यासकार की पहचान है।

 आरव ने अपने विद्यालयीय शिक्षा को सफलता जारी रखते हुए लेखन क्षेत्र में भी अपनी रचनात्मकता के माध्यम से एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। इसमें उसके विद्यालय का परिवेश, शिक्षकों की प्रेरणा और सहपाठियों के सहयोग की भी महती भूमिका रही होगी।  

बिहार के शैक्षणिक वातावरण में ऐसी रचनात्मकता अन्य बच्चों को भी विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियाँ हासिल करने के लिए प्रेरित करेंगी, इसमें कोई संदेह नहीं है। 

बचपन में दादी-नानी से सुनी गई कहानियाँ बच्चे की काल्पनिक सोच और उसकी रचनात्मकता को इस हद तक विकसित कर सकता है कि वह एक संपूर्ण उपन्यास लिख सके, इसका ज्वलंत और अद्भुद उदाहरण आरव और उसका यह उपन्यास है। इस मायने वह आज के युग में अपनी तथा आनेवाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। 

आरव द्वारा लिखित इस उपन्यास की कहानी अच्छाई एवं बुराई की लड़ाई तथा अच्छाई द्वारा कई कठिनाइयों को झेलने के बाद भी बुराई पर उसकी जीत पर आधारित है। इसमें यह साबित किया गया है कि अच्छाई परेशान हो सकती है, किन्तु पराजित नहीं। यह विषय वस्तु सदैव प्रासंगिक है।

इस लोकार्पण समारोह में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें प्रमुख रूप से प्रधान सचिव, रॉबर्ट एल॰ चोंग्थू जी, भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी, राजीव रंजन वर्मा, भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी, विजय प्रकाश जी शामिल थे।

सभी अतिथियों ने आरव के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और उनके प्रयास की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
 

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