बालिका शिक्षा के क्षेत्र में बिहार बनेगा अग्रणी राज्य, 38 जिलों में SC-ST छात्रावास योजना की मिली स्वीकृति

Edited By Khushi, Updated: 10 Jan, 2025 05:22 PM

bihar will become a leading state in the field of girls  education

राज्य मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के उच्च शिक्षा में प्रोत्साहन एवं उनके सशक्तिकरण के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया है।

पटना: राज्य मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के उच्च शिक्षा में प्रोत्साहन एवं उनके सशक्तिकरण के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के बालिका छात्रावास योजना के अंतर्गत राज्य के 38 जिला मुख्यालयों में विश्वविद्यालय/महाविद्यालय/10+2 विद्यालयों में अध्ययनरत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के बालिकाओं के आवासन हेतु सावित्रीबाई फुले बालिका छात्रावास (100 आसन) के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

यह कदम बिहार को बालिका शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को सुरक्षित और उच्चस्तरीय आवासीय सुविधा उपलब्ध कराकर उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है। छात्रावासों में रहने वाली बालिकाओं को मुफ्त आवासन के अतिरिक्त विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्रावास अनुदान योजना के अंतर्गत प्रत्येक छात्रा को ₹1000/- (एक हजार रुपये) मासिक अनुदान मिलेगा। साथ हीं खाद्यान्न आपूर्ति योजना के तहत प्रत्येक छात्रा को 09 किलो चावल और 06 किलो गेहूं निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। नए छात्रावासों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2025-26 तक पूरा किया जाएगा। प्रत्येक छात्रावास भवन के निर्माण पर ₹4,90,62,000/- की लागत आएगी, जिससे कुल ₹1,86,43,56,000/- (एक अरब छियासी करोड़ तैंतालीस लाख छप्पन हजार रुपये) की राशि व्यय होगी।

इन छात्रावास भवनों का निर्माण भवन निर्माण विभाग द्वारा तकनीकी अनुमोदित प्राक्कलन और नक्शा के अनुसार किया जाएगा। निर्माण कार्य के साथ-साथ पांच वर्षों तक फर्निशिंग और रखरखाव की जिम्मेदारी भी इसी परियोजना का हिस्सा होगी। वहीं, बिहार सरकार, सावित्रीबाई फुले जैसी महान समाज सुधारकों के आदर्शों से प्रेरणा लेते हुए बालिकाओं की शिक्षा और उनके सशक्तिकरण को प्राथमिकता देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। मंत्रिमंडल का यह निर्णय बालिका शिक्षा एवं महिलाओं के समग्र विकास के प्रति बिहार सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, ताकि वे बिहार एवं देश के विकास में अपना योगदान दे सकें।

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