Edited By Ajay kumar, Updated: 03 Dec, 2023 09:34 PM

जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत बिहार की वनीकरण पहल ने दुबई में COP28 जलवायु शिखर सम्मेलन में वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। इस अभियान के तहत बिहार ने अपने वनीकरण प्रयासों के लिए वैश्विक मान्यता प्राप्त की है। दुबई में वरिष्ठ अधिकारियों ने...
पटनाः जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत बिहार की वनीकरण पहल ने दुबई में COP28 जलवायु शिखर सम्मेलन में वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। इस अभियान के तहत बिहार ने अपने वनीकरण प्रयासों के लिए वैश्विक मान्यता प्राप्त की है। दुबई में वरिष्ठ अधिकारियों ने राज्य की हरित पहल और जलवायु में सुधार के प्रति नीतीश सरकार की प्रतिबद्धता पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की है। राज्य पर्यावरण सचिव वंदना प्रेयसी और निदेशक (पारिस्थितिकी) सुरेंद्र सिंह ने दुबई जलवायु शिखर सम्मेलन में 'जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बिहार में वनीकरण गतिविधियों' पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी है। 'बिल्डिंग क्लाइमेट रेजिलिएंस' सत्र में, सुरेंद्र सिंह ने राज्य के हरित प्रयासों, सरकार की पहल, चल रहे कार्यक्रमों, प्राप्त परिणामों, चुनौतियों का सामना करने और आगे बढ़ने के तरीके के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। विभाग के अन्य शीर्ष अधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP28) में भी भाग लिया। ये सम्मेलन 30 नवंबर से 12 दिसंबर तक दुबई में आयोजित किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, COP28 में बिहार प्रतिनिधिमंडल की भागीदारी टिकाऊ प्रथाओं के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता और जलवायु परिवर्तन चुनौतियों से निपटने में इसकी भूमिका को रेखांकित करती है। विशेषज्ञों ने कहा कि बिहार ने जलवायु परिवर्तन के लचीलेपन के लिए कई गंभीर उपाय किए हैं।
बिहार सरकार ने दीर्घकालिक निम्न कार्बन विकास की दिशा में काम कियाः पीयूष त्रिपाठी
भारत के विश्व संसाधन संस्थान के एक वरिष्ठ अधिकारी पीयूष त्रिपाठी ने कहा कि, "देश के लगभग सभी प्रमुख राज्यों और दुनिया के कई हिस्सों से आगे, बिहार सरकार ने दीर्घकालिक निम्न कार्बन विकास की दिशा में काम करने और अपने लोगों और इसकी प्रणाली के लिए जलवायु में सुधार करने का फैसला किया है।" त्रिपाठी ने बताया कि राज्य के लिए जलवायु प्रबंधन और कम कार्बन उत्सर्जन करने के लिए फरवरी 2021 में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दो वर्षों में, डब्ल्यूआरआई इंडिया सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध संगठनों के एक तकनीकी संघ ने राज्य के लिए दीर्घकालिक जलवायु रणनीति विकसित करने के लिए एक व्यापक डेटा संग्रह अभियान चलाया है। दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन वैश्विक नेताओं, सरकारों के प्रमुखों, जलवायु विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के तरीके पर चर्चा करने और सहमत होने के लिए एक साथ लाता है।
दुबई में COP28 जलवायु सम्मेलन में बिहार के जल जीवन हरियाली मिशन और कृषि रोड मैप की लगी प्रदर्शनी-
दुबई में COP28 जलवायु सम्मेलन में बिहार के जल जीवन हरियाली मिशन और कृषि रोड मैप की प्रदर्शनी दिखाई गई।इस कार्यक्रम में बिहार के चयनित अधिकारी ने वनीकरण पहल की एक श्रृंखला प्रस्तुत की है,जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक रोल मॉडल के रूप में काम करने की क्षमता रखते हैं। बिहार के वन एवं पर्यावरण विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने बताया कि, ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में, बिहार वनीकरण के माध्यम से जलवायु संकट प्रबंधन में एक रोल मॉडल के रूप में उभरा है।2012-13 में हरियाली मिशन के शुभारंभ के बाद से कुल 381.008 मिलियन वृक्षारोपण के साथ,राज्य का हरित आवरण 2019 में 9.9 प्रतिशत से बढ़कर 2021 में 14.75 प्रतिशत हो गया है।भारत राज्य वन रिपोर्ट,2021 के अनुसार परिणामस्वरूप कुल कार्बन पृथक्करण 56.88मिलियन टन रहा है’।
क्या है COP 28?
यह सम्मेलन कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु प्रबंधन में विकासशील देशों का समर्थन करने पर केंद्रित होगा। यह जलवायु को लेकर UN की कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज की 28 वीं बैठक का हिस्सा है,इसलिए इसे COP28 का नाम दिया गया है। इस सम्मेलन में कई वैश्विक नेता ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने के तरीकों पर चर्चा की है। लिए सुखद अहसास है।