Edited By Ramanjot, Updated: 20 May, 2025 06:11 PM

बिहार के पूसा में जल्द ही एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का रिसर्च सेंटर स्थापित होने जा रहा है, जो गन्ना किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।
पटना: बिहार के पूसा में जल्द ही एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का रिसर्च सेंटर स्थापित होने जा रहा है, जो गन्ना किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। इस सेंटर के माध्यम से किसानों को आधुनिक तकनीकों और उन्नत खेती के तरीकों की जानकारी दी जाएगी, जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ेगी और लागत में कमी आएगी।
ऐप के जरिए किसानों को सलाहकारी सेवाएं
गन्ना उद्योग विभाग ने तकनीक को अपनाते हुए एक विशेष ऐप लॉन्च किया है, जो किसानों को खेती से जुड़ी महत्वपूर्ण सलाह प्रदान कर रहा है। इस ऐप के माध्यम से गन्ना खेती में सावधानी, सिंचाई प्रबंधन, और उचित दवाइयों के उपयोग की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो रही है। यह ऐप किसानों के लिए एक डिजिटल सहायक की तरह काम कर रहा है, जो उन्हें समय पर सही निर्णय लेने में मदद करेगा।
उच्च गुणवत्ता वाले बीज और यंत्रों पर जोर
गन्ना उद्योग विभाग का मुख्य उद्देश्य है कि गन्ना किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज और आधुनिक यंत्र उपलब्ध कराए जाएं। इससे न केवल उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि लागत भी कम होगी। विभाग का यह प्रयास किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ऑनलाइन लाइसेंसिंग पोर्टल का शुभारंभ
हाल ही में एक प्रेस वार्ता में गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने एक ऑनलाइन लाइसेंसिंग पोर्टल का उद्घाटन किया। इस पोर्टल के जरिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया को और पारदर्शी व सुगम बनाया गया है। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए गन्ना लाइसेंस धारकों की सूची भी जारी की गई, जो किसानों और उद्योग से जुड़े लोगों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।
किसानों के लिए नई शुरुआत
यह रिसर्च सेंटर और डिजिटल पहल गन्ना किसानों के लिए एक नई शुरुआत है। आधुनिक तकनीकों और सरकारी सहायता के बल पर बिहार के गन्ना किसान न केवल अपनी खेती को उन्नत कर पाएंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बना सकेंगे।