Edited By Swati Sharma, Updated: 13 Jul, 2023 02:56 PM

बिहार सरकार ने सभी शिक्षकों की छुट्टियां एक सप्ताह के लिए रद्द कर दी हैं। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। शिक्षा विभाग ने इसके अलावा राज्य के जिलाधिकारियों से भी अनुरोध किया है कि वे शिक्षकों की उपस्थिति की जांच करने के लिए गुरूवार को अपने...
पटनाः बिहार सरकार ने सभी शिक्षकों की छुट्टियां एक सप्ताह के लिए रद्द कर दी हैं। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। शिक्षा विभाग ने इसके अलावा राज्य के जिलाधिकारियों से भी अनुरोध किया है कि वे शिक्षकों की उपस्थिति की जांच करने के लिए गुरूवार को अपने संबंधित जिलों के सभी सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करें।
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से जारी पत्र में कहा गया है,‘‘13 जुलाई को सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति शत-प्रतिशत होनी चाहिए..13 जुलाई को निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए जाने वाले शिक्षकों के खिलाफ निलंबन सहित सख्त विभागीय कार्रवाई की जानी चाहिए।'' विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को एक सप्ताह के लिए सभी शिक्षण कर्मचारियों की छुट्टियां ‘रद्द' करने को कहा है। पत्र में कहा गया है, ‘‘केवल आपात स्थितियों में, (छुट्टी की) अनुमति सीधे अतिरिक्त मुख्य सचिव से ही ली जा सकती है।'' विभाग ने इन आदेशों के पीछे के कारणों को स्पष्ट नहीं किया है। बिहार में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया है कि सरकार की नई शिक्षक भर्ती नीति के खिलाफ 13 जुलाई को भाजपा के राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन में शिक्षकों को शामिल होने से रोकने के लिए विभाग की ओर से ताजा परिपत्र जारी किया गया है।
भाजपा की बिहार इकाई के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, ‘‘ हम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार की कई अन्य जनविरोधी नीतियों के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन में शिक्षकों की भागीदारी को रोकने के लिए ये परिपत्र जारी किए गए हैं। यह नीतीश कुमार सरकार की तानाशाही मानसिकता को दर्शाता है। यह राज्य में अघोषित आपातकाल है।'' गत 11 जुलाई को शिक्षक अभ्यर्थियों ने 1.7 लाख शिक्षकों की भर्ती में मूलनिवास नीति को हटाने के नीतीश कुमार सरकार के हालिया फैसले के खिलाफ पटना में प्रदर्शन किया था। कुछ शिक्षक भी इसमें शामिल हुए थे, शिक्षा विभाग ने अपने जिला शिक्षा अधिकारियों से उन शिक्षकों की पहचान करने को कहा है।