सुशील मोदी ने कहा- हिजाब पर कर्नाटक उच्च न्यायालय का फैसला स्वागत योग्य

Edited By Ramanjot, Updated: 17 Mar, 2022 09:46 AM

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सुशील मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि उच्च न्यायालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि हिजाब पहनना इस्लाम का मूल हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड वाले शिक्षा संस्थानों से बाहर कहीं भी किसी के धार्मिक पहनावे पर कोई रोक नहीं है। उन्होंने कहा कि...

पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ड्रेस कोड वाले शिक्षण संस्थानों में छात्राओं के हिजाब पहनने के बजाय संस्थान के नियमों का पालन करने के मुद्दे पर कर्नाटक उच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पूर्ण पीठ का निर्णय स्वागत योग्य है।

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ड्रेस कोड वाले शिक्षण संस्थानों में छात्राओं के हिजाब पहनने के बजाय संस्थान के नियमों का पालन करने के मुद्दे पर कर्नाटक हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय पूर्ण पीठ का निर्णय स्वागतयोग्य है। हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि हिजाब पहनना इस्लाम का मूल हिस्सा नहीं है। ड्रेस कोड वाले शिक्षा संस्थानों से बाहर कहीं भी किसी के धार्मिक पहनावे पर कोई रोक नहीं है।
- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 16 Mar 2022
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हिजाब से पहले भारत की धर्मनिरपेक्ष न्यायपालिका ने फौरी तीन तलाक और तलाकशुदा मुसलिम महिलाओं को गुजारा भत्ता देने के मुद्दे पर भी जो ऐतिहासिक फैसले सुनाये, वे मानवीय और प्रगतिशील थे। इन सभी फैसलों में इस्लाम की मूल भावना की रक्षा की गई। अब हाईकोर्ट के फैसले को कुबूल कर सभी वर्गों की छात्राएँ यदि अपना सारा ध्यान पढाई पर लगाएँ तो कर्नाटक और पूरे देश में अच्छा संदेश जाएगा ।
- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 16 Mar 2022
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हिजाब प्रकरण पर कर्नाटक हाईकोर्ट के सर्वसम्मत निर्णय को जिन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, उनकी असली मंशा इस मुद्दे पर तनाव बनाये रख कर भारत की छवि असहिष्णु देश की बनाने की है। उन्हें इस्लाम की मूल भावना और मुसलिम लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए अनुकूल माहौल बनाने से कोई वास्ता नहीं है।
- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 16 Mar 2022

सुशील मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि उच्च न्यायालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि हिजाब पहनना इस्लाम का मूल हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड वाले शिक्षा संस्थानों से बाहर कहीं भी किसी के धार्मिक पहनावे पर कोई रोक नहीं है। उन्होंने कहा कि हिजाब से पहले भारत की धर्मनिरपेक्ष न्यायपालिका ने फौरी तीन तलाक और तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता देने के मुद्दे पर भी जो ऐतिहासिक फैसले सुनाए, वे मानवीय और प्रगतिशील थे। इन सभी फैसलों में इस्लाम की मूल भावना की रक्षा की गई। मोदी ने कहा कि अब उच्च न्यायालय के फैसले को कुबूल कर सभी वर्गों की छात्राएं यदि अपना सारा ध्यान पढ़ाई पर लगाएं तो कर्नाटक और पूरे देश में अच्छा संदेश जाएगा।

भाजपा सांसद ने कहा कि हिजाब प्रकरण पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के सर्वसम्मत निर्णय को जिन लोगों ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है, उनकी असली मंशा इस मुद्दे पर तनाव बनाये रख कर भारत की छवि असहिष्णु देश की बनाने की है। उन्हें इस्लाम की मूल भावना और मुस्लिम लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए अनुकूल माहौल बनाने से कोई वास्ता नहीं है।

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