Edited By Ramanjot, Updated: 17 Dec, 2022 01:35 PM

चौधरी ने शुक्रवार को बिहार विनियोग (4) विधेयक 2022 की मंजूरी लेने के लिए विधानसभा में चर्चा के दौरान कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने केंद्रीय योजनाओं को कम करने और राज्यों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार फंड खर्च करने की अनुमति देने का वादा किया था।...
पटनाः बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने केंद्र पर विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करने में राज्य के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया।
चौधरी ने शुक्रवार को बिहार विनियोग (4) विधेयक 2022 की मंजूरी लेने के लिए विधानसभा में चर्चा के दौरान कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने केंद्रीय योजनाओं को कम करने और राज्यों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार फंड खर्च करने की अनुमति देने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि केंद्र में वर्तमान शासन के तहत केंद्रीय योजनाओं की संख्या 30 से बढ़ाकर 90 से अधिक कर दी गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत बिहार सरकार ने विद्यालयों के संविदा शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए अपने संसाधनों से व्यय किया जबकि केन्द्र ने इस योजना के अन्तर्गत अपना अंश समय पर जारी नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह भी आश्चर्य की बात है कि जब केंद्र ने विभिन्न योजनाओं के तहत फंड जारी किया तो बहुत प्रचार किया गया जबकि यह राज्य सरकार का स्वाभाविक अधिकार था।
चौधरी ने कहा कि केन्द्रीय योजनाओं का शत-प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत 90 प्रतिशत फंड, जिसे धीरे-धीरे घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया, जबकि बाकी खर्च राज्य द्वारा किया जाना था। मंत्री ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक के दौरान उन्होंने कहा था कि केंद्रीय योजनाओं की संख्या कम की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों ने भी केंद्रीय योजनाओं को कम करने की मांग उठाई है।