Edited By Swati Sharma, Updated: 11 Apr, 2023 11:10 AM

टीईटी और एसटीईटी 2019 में जिन लोगों ने दी और जो हजारों लोग उत्तीर्ण हुए क्या एक बार फिर से उनको परीक्षा देनी पड़ेगी? क्या आपके विद्यालयों के अंदर तीन प्रकार के शिक्षक होंगे। एक पुराने वेतनमान वाले शिक्षक, एक नियोजित शिक्षक और एक जो नई नियमावली के...
पटना(अभिषेक कुमार सिंह): बिहार कैबिनेट में पास हुए शिक्षक नियमावली 2023 को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने सवाल खड़े किए हैं। सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार ने एक बार फिर से बिहार के लाखों शिक्षक अभ्यर्थियों को ठगने का काम किया है।
शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ किया गया भद्दा मजाक
टीईटी और एसटीईटी 2019 में जिन लोगों ने दी और जो हजारों लोग उत्तीर्ण हुए क्या एक बार फिर से उनको परीक्षा देनी पड़ेगी? क्या आपके विद्यालयों के अंदर तीन प्रकार के शिक्षक होंगे। एक पुराने वेतनमान वाले शिक्षक, एक नियोजित शिक्षक और एक जो नई नियमावली के तहत जो नियुक्त शिक्षक होंगे। इतना भद्दा मजाक कम से कम शिक्षकों के साथ नहीं करिए। टीईटी और एसटीईटी के हजारों जो छात्र नियुक्ति का इंतजार कर रहे थे। उनको तुरंत नियुक्त करना चाहिए था, लेकिन आपने एक बार फिर से शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ भद्दा मजाक किया है।
"जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने का ऐलान करे सरकार"
बता दें कि सुशील कुमार मोदी ने राज्य में 15 अप्रैल से शुरू होने वाली जातीय जनगणना पर प्रसन्नता व्यक्त की। साथ ही अपील करते हुए कहा कि सरकार इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक करने का भरोसा दिलाए। सुशील मोदी ने बयान जारी कर कहा कि जातीय जनगणना करवाने का निर्णय भाजपा की साझेदारी वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार का था, लेकिन इसे लागू करने में देरी हुई।