PK ने CM को दी खुली चुनौती, कहा- अपने पसंद का एक गांव चुनकर, वहां पूरे सरकारी अमले के साथ पैदल चलकर दिखाएं

Edited By Swati Sharma, Updated: 04 Jan, 2023 04:02 PM

pk gave open challenge to cm

जन सुराज पदयात्रा के दौरान मीडिया से संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा, "बिहार में नीतीश जी कि जो यात्रा है वो पेपर पर उनकी 14वीं यात्रा है। प्रशासनिक काम को वह यात्रा का नाम दे रहे हैं। नीतीश कुमार एक दिन पश्चिम चंपारण (बेतिया) में रुकेंगे,...

पूर्वी चंपारण(अभिषेक कुमार सिंह): जन सुराज पदयात्रा के 95वां दिन की शुरुआत पूर्वी चंपारण के चकिया स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर ने स्थानीय मीडिया से संवाद किया। पदयात्रा पश्चिम चंपारण और शिवहर जिले से गुजरते हुए अभी पूर्वी चंपारण जिले में है। पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में 8 जनवरी को जन सुराज पदयात्रा का जिला अधिवेशन भी होना है। इसके बाद पदयात्रा गोपालगंज जिले में प्रवेश करेगी। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए सीएम नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। 

पीके ने सीएम नीतीश कुमार को दी चुनौती
जन सुराज पदयात्रा के दौरान मीडिया से संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा, "बिहार में नीतीश जी कि जो यात्रा है वो पेपर पर उनकी 14वीं यात्रा है। प्रशासनिक काम को वह यात्रा का नाम दे रहे हैं। नीतीश कुमार एक दिन पश्चिम चंपारण (बेतिया) में रुकेंगे, जिसमें कुछ सरकारी अफसरों और सिलेक्टेड लोगों से मिलेंगे। अगले दिन वो मोतिहारी और उसके बाद शिवहर, सीतामढ़ी जाएंगे। इस यात्रा का जनता से कोई सरोकार नहीं करेंगे। नीतीश कुमार उन्हीं अफसरों से मिलेंगे जिनसे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पटना से बात करते हैं। मुझे तो जितने लोग मिल रहे हैं वो बता रहे हैं कि नीतीश कुमार के आने से पहले प्रसाशन द्वारा लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है कि क्या बोलना है, क्या नहीं बोलना है। पटना से किसी दूसरे जिलों में उड़ कर आना और फिर रात में पटना चले जाना इसे आप यात्रा कैसे बोल सकते हैं? मुख्यमंत्री का सरकारी बंगले से निकल जाने को यात्रा नहीं कहा जा सकता है। मैं नीतीश कुमार को चुनौती देता हूं कि अगर हिम्मत है तो अपने पसंद के ही किसी एक गांव में सरकारी अमले के साथ भी पैदल चलकर दिखा दें।

नीतीश कुमार पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि सर्किट हाउस में बैठ कर सिर्फ समीक्षा बैठक हो सकती है। नीतीश कुमार अब उम्र के इस पड़ाव पर सामाजिक, राजनीतिक तौर पर अकेले पड़ गए हैं, जहां वो इस आशा में हैं कि किसी तरह जनता की आंखों में धूल झोंक कर वोट हासिल कर लें और सत्ता में बने रहें। नीतीश कुमार को मालूम है कि इस बार अंतिम है, इसके बाद उनके लिए कुछ नहीं बचा है। समय रहते रिटायर हो जाएं, इसी में उनकी भलाई है।

"किसानों की सबसे बड़ी समस्या खाद-बीज की अनुपलब्धता व कालाबाजारी"
जन सुराज पदयात्रा के 95वें दिन मीडिया से किसानों की समस्याओं पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आज किसानों की सबसे बड़ी समस्या खाद-बीज की अनुपलब्धता और कालाबाजारी है। प्रशांत ने कहा कि किसानों ने गेहूं की बुवाई शुरू कर दी है। अब समय से खाद नहीं मिल पाने के कारण उनकी फसलें खराब होने के संकट से गुजर रही है। इसके साथ ही प्रशांत ने कहा कि यूरिया की कालाबाजारी इस हद तक है कि सुबह 4 बजे से महिलाओं को लाइन में लगना पड़ता है उसके बावजूद उन्हें यूरिया नहीं उपलब्ध हो पाता। प्रशांत किशोर ने बताया कि यूरिया कालाबाजारी के नेटवर्क से बिहार का यूरिया नेपाल शिफ्ट हो रहा है जिसकी वजह से बिहार के किसानों को यूरिया अनुपलब्ध है। इसके साथ ही किसानों को उनकी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य ना मिलना भी एक गंभीर समस्या है।

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