Edited By Nitika, Updated: 01 Sep, 2023 04:28 PM

'सन ऑफ मल्लाह' के नाम से चर्चित विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी शुक्रवार को अपने निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा के क्रम में पूर्वी चंपारण जिला पहुंचे। संकल्प यात्रा की शुरुआत मेहसी के महेंदर चौक से हुई, जहां जनसभा में हजारों लोग...
मोतिहारीः 'सन ऑफ मल्लाह' के नाम से चर्चित विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी शुक्रवार को अपने निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा के क्रम में पूर्वी चंपारण जिला पहुंचे। संकल्प यात्रा की शुरुआत मेहसी के महेंदर चौक से हुई, जहां जनसभा में हजारों लोग उपस्थित हुए।
यहां मुकेश सहनी ने महती सभा में दहाड़ते हुए कहा कि मोतिहारी की जनता ने वीआईपी का शुरू से साथ दिया है। उन्होंने कहा कि निषाद समाज ने बिहार में अपनी ताकत दिखा दी है और दिल्ली की गद्दी हिल रही है। सहनी ने पिछले चुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि निषाद का बेटा किसी की मेहरबानी से बिहार का मंत्री नहीं बना था बल्कि हमारे सहयोग से सरकार बनी थी। यात्रा में लोगों के मिल रहे समर्थन से उत्साहित सहनी ने लोगों में जोश भरते हुए कहा कि संविधान ने सभी को वोट के रूप में हम सभी को ताकत दी है। इस ताकत को पहचानने की जरूरत है। उन्होंने लोगों से वोट नहीं बेचने की अपील करते हुए सावधान किया कि वोट आप बेचते हैं और भविष्य आने वाली पीढ़ी का खराब होता है।
वीआईपी प्रमुख ने कहा कि इस यात्रा से पटना ही नहीं दिल्ली हिल गई है। उन्होंने कहा कि समाज का एक बड़ा वर्ग वीआईपी के साथ है। उन्होंने केंद्र में सत्ताधारी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे घमंड की जिंदगी जी रहे हैं। उन्हे भरोसा है कि फिर वे निषादों का वोट खरीद लेंगे, लेकिन वे गलतफहमी में जी रहे। निषाद अब अपने अधिकार के लिए संघर्ष करने का संकल्प ले रहा है।
वीआईपी नेता ने कहा कि जिसने भी संघर्ष किया, जिसने भी अधिकार को लेकर लड़ाई लड़ी उसे अधिकार मिल गया। इस दौरान सहनी ने आने वाली पीढ़ी के भविष्य के लिए सभी के हाथों में गंगा जल लेकर पूर्वजों और अपने कुल देवता को साक्षी मानकर संकल्प करवाया। इसके बाद यह यात्रा फौजदार चौक, मधुवन, चकिया, उच्च विद्यालय, पकड़ीदयाल, बरदाहा चौक होते हुए मधुबनी घाट पहुंचा। इन स्थानों पर बड़ी संख्या में लोगों ने हाथ में गंगाजल लेकर अपनी पार्टी के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया। सहनी ने कहा कि जब अन्य राज्यों में निषादों को आरक्षण मिल सकता है तो फिर बिहार, यूपी और झारखंड में क्यों नहीं।