Edited By Nitika, Updated: 09 May, 2023 08:39 AM

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना पर उच्च न्यायालय ने जो प्रश्न उठाए हैं, उनका उत्तर देने के लिए सरकार को तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और जरूरत पड़े तो विधानसभा का...
पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना पर उच्च न्यायालय ने जो प्रश्न उठाए हैं, उनका उत्तर देने के लिए सरकार को तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और जरूरत पड़े तो विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर कानून बनाना चाहिए।
सुशील मोदी ने बयान जारी कर कहा कि जातीय जनगणना के विरुद्ध याचिका दायर करने वालों से भाजपा के संबंध की बात बिल्कुल भ्रामक है। उन्होंने कहा कि हम ऐसी दोमुंही राजनीति नहीं करते कि जिस मुद्दे का विधानसभा में समर्थन करें, उसी के विरोध में किसी को अदालत भेज दें। भाजपा सांसद ने कहा कि जातीय जनगणना पर उच्च न्यायालय में कमजोर पैरवी के कारण इस पर रोक लगी और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) इसका ठीकरा भाजपा के सिर फोड़ना चाहता है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना पर उच्च न्यायालय ने जो प्रश्न उठाए हैं, उनका उत्तर देने के लिए सरकार को तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और जरूरत पड़े तो विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर कानून बनाना चाहिए।
मोदी ने कहा कि यदि जातीय जनगणना का निर्णय होने के बाद मुख्यमंत्री ने अकेले श्रेय लेने का मोह छोड़ कर सभी दलों को विश्वास में लिया होता और अदालत में कानूनी पक्ष रखने सहित तैयारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की होती तो इस पर रोक की नौबत नहीं आती। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना करवाने का निर्णय भाजपा के सरकार में रहते हुआ था और इसके लिए विधानमंडल में दो बार प्रस्ताव पारित होने से लेकर प्रधानमंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में सम्मिलित रहने तक, हर स्तर पर पार्टी समर्थन में खड़ी रही। भाजपा सांसद ने कहा कि जातीय सर्वे करना जनगणना नहीं है। यह राज्यों का अधिकार है। उन्होंने कहा कि बिहार से पहले कर्नाटक और तेलंगाना सरकार ऐसे सर्वे करवा चुकी है।