Edited By Nitika, Updated: 10 Sep, 2023 08:28 AM

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के तुगलकी फरमान की वजह से यह विभाग लगातार विवादों में बना हुआ है लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार...
पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के तुगलकी फरमान की वजह से यह विभाग लगातार विवादों में बना हुआ है लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संरक्षण प्राप्त है।
सुशील मोदी ने बयान जारी कर कहा कि कुलपति नियुक्ति के लिए समानान्तर विज्ञापन जारी करने सहित कई मुद्दों पर राजभवन से टकराव के बाद अब यह विभाग बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से लेटर-वार में उलझ गया है। उन्होंने कहा कि आयोग के कामकाज में बाधा डाली जा रही है और आपत्ति करने पर उसे ‘विवेकहीन' और ‘मूर्खतापूर्ण' जैसे शब्दों में जवाब दिया जा रहा है। इस जंग से 1.70 लाख शिक्षकों नियुक्ति प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
भाजपा सांसद ने कहा कि सरकारी आयोग और शिक्षा विभाग के बीच लड़ाई घटिया स्तर पर उतरने से बिहार की बदनामी हो रही है। उन्होंने कहा कि केके पाठक की कार्यशैली विवाद कर सुर्खियों में बने रहने की है, इसलिए वे किसी विभाग में टिक नहीं पाए। वहीं मोदी ने कहा कि स्कूल के समय कोचिंग संस्थानों को बंद रखने और सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर की पढ़ाई के लिए आउटसोर्सिग करने का आदेश भी शिक्षा विभाग का तुगलकी फरमान हैं, जिसमें किसी नियम-कानून का ध्यान नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में अच्छी पढाई तो सुनिश्चित नहीं कर पाया, लेकिन बेहतर शिक्षा के लिए कोचिंग का सहारा भी छात्रों से छीन लेना चाहता है।
भाजपा सांसद ने कहा कि कम्प्यूटर शिक्षा के लिए आउटसोर्सिग करने में न कोई विज्ञापन निकाला गया और न आरक्षण नियमों का पालन किया गया। इस मनमाने फैसले से असंतुष्ट शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री से शिकायत की है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बिहार की शिक्षा के व्यापक हित में फैसला करें और एक अधिकारी के तबादले को निजी प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनाएं।