Edited By Nitika, Updated: 16 Jul, 2023 08:38 AM

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब सरकार पहले से नियुक्त शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं दे पा रही है, तब नए शिक्षकों के वेतन मद में सालाना 11000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ कैसे...
पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब सरकार पहले से नियुक्त शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं दे पा रही है, तब नए शिक्षकों के वेतन मद में सालाना 11000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ कैसे उठाएगी, पैसे कहां से आएंगे, यह बताना चाहिए।
सुशील मोदी ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति और उनके वेतन का भुगतान पूरी तरह राज्य सरकार की जिम्मेवारी है। केंद्र सरकार इसमें केवल सहयोग करती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से शिक्षक वेतन-मद में सहायता राशि न मिलने का दुष्प्रचार कर रही है जबकि सच यह है कि बिहार सरकार ने पिछले साल के खर्च का हिसाब और उपयोगिता प्रमाण पत्र ही नहीं दिया।
भाजपा सांसद ने कहा कि जैसे ही राज्य सरकार उपयोगिता प्रमाण पत्र सौंपेगी, केंद्र से समग्र शिक्षा अभियान की सहायता राशि मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के खाते में अब भी 1000 करोड़ रुपए बिना खर्च हुए पड़े हैं। इससे शिक्षकों को वेतन दिया जा सकता है। मोदी ने कहा कि अपनी नाकामी छुपाने के लिए केंद्र पर तथ्यहीन आरोप लगाना बिहार की नीतीश सरकार की आदत बन गई है। यह सरकार शिक्षकों की पीठ पर लाठी चलाती है और वेतन रोक कर पेट पर लात मारती है।