Edited By Ramanjot, Updated: 29 May, 2023 02:55 PM

लोकसभा के सदस्य सुशील सिंह ने नए संसद भवन का उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार की नीतीश कुमार सरकार पुराने धरोहर ढांचे को संरक्षित करते हुए ‘‘ नए पटना कलेक्ट्रेट परिसर का निर्माण कहीं और करा सकती थी।'' नए संसद भवन का निर्माण पुरानी संसद इमारत को नुकसान...
नई दिल्ली/पटनाः बिहार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि नए परिसर के निर्माण के वास्ते बरसों पुराने पटना कलेक्ट्रेट को ढहा देना एक ‘‘गलती'' थी और ऐसा करने के बजाय इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जाना चाहिए था।
लोकसभा के सदस्य सुशील सिंह ने नए संसद भवन का उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार की नीतीश कुमार सरकार पुराने धरोहर ढांचे को संरक्षित करते हुए ‘‘ नए पटना कलेक्ट्रेट परिसर का निर्माण कहीं और करा सकती थी।'' नए संसद भवन का निर्माण पुरानी संसद इमारत को नुकसान पहुंचाए बिना किया गया है। औरंगाबाद से चार बार के सांसद सुशील सिंह ने रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होने के बाद यह टिप्पणी की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया था। इस समारोह का नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड सहित कई विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया था।
दरअसल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा था कि नए संसद भवन की ‘‘कोई आवश्यकता नहीं'' थी। साथ ही उन्होंने पूरे कार्यक्रम को ‘‘इतिहास को उन लोगों द्वारा बदले जाने की कोशिश करार दिया, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए हुए संघर्ष में कोई योगदान नहीं दिया।'' औरंगाबाद से सांसद सिंह ने कहा, ‘‘पुराना पटना कलेक्ट्रेट, पटना की ऐतिहासिक धरोहर थी और उसे आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित तथा संरक्षित किया जाना चाहिए था।'' उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर पुराने कलेक्ट्रेट को गिरा दिया गया, तो अब कौन इतिहास बदल रहा है। बिहार की राजधानी पटना में गंगा के तट पर नए कलेक्ट्रेट के निर्माण का कार्य जोरों पर है और मुख्यमंत्री ने 13 मई को परियोजना स्थल का दौरा कर अधिकारियों को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया था। इस परियोजना के मार्च 2024 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।