Edited By Harman, Updated: 20 May, 2025 03:23 PM

झारखंड के शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा बड़ी कार्रवाई की जा रही है। एसीबी ने आईएएस विनय चौबे पर शिकंजा कस दिया है। एसीबी आज 11:00 बजे विनय चौबे के घर गई, जहां से उन्हें कार्यालय में लाकर मामले से संबंधित पूछताछ की जा रही है।
Liquor Scam: झारखंड के शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा बड़ी कार्रवाई की जा रही है। एसीबी ने आईएएस विनय चौबे पर शिकंजा कस दिया है। एसीबी आज 11:00 बजे विनय चौबे के घर गई, जहां से उन्हें कार्यालय में लाया गया। बताया जा रहा है कि कार्यालय में टीम द्वारा उनसे छत्तीसगढ़ की तर्ज पर लागू उत्पाद नीति में हुई धांधली को लेकर पूछताछ की जा रही है।
बता दें कि IAS विनय चौबे पर यह आरोप है कि उनके कार्यकाल में नई उत्पाद नीति के जरिए छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट ने झारखंड में घोटाला किया। शराब घोटाला मामले में IAS विनय चौबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, वहीं अब एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा उनसे पूछताछ की जा रही है। एफआईआर के आधार पर ईडी ने आईएएस विनय चौबे सहित कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। गौरतलब हो कि विनय चौबे राज्य में 2022 की आबकारी नीति के कार्यान्वयन के दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव थे।
दरअसल, झारखंड सरकार ने छत्तीसगढ़ की शराब नीति को ही राज्य में लागू किया था। छत्तीसगढ़ के अधिकारियों अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और उनके सिंडिकेट ने शराब घोटाला करके छत्तीसगढ़ सरकार को अरबों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया था जिसकी जांच ED कर रही है। आरोप है कि इसी सिंडिकेट ने झारखंड के अधिकारियों के साथ मिलकर झारखंड की आबकारी नीति में परिवर्तन किया। इसके बाद राज्य में देशी और विदेशी शराब का टेंडर भी सिंडिकेट के लोगों को दिलवाया और झारखंड में बिना हिसाब की डूप्लीकेट होलोग्राम लगी देशी शराब की बिक्री की गई। इससे करोड़ों रुपयों की अवैध कमाई की गई। जिससे सरकार का राजस्व प्रभावित हुआ।