Edited By Khushi, Updated: 14 May, 2025 12:09 PM

रांची: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य आशा लकड़ा ने विभिन्न आदिवासी समूहों के विरोध के मद्देनजर झारखंड सरकार से रांची में एक फ्लाईओवर के निर्माण को रोकने का आग्रह बीते मंगलवार को किया।
रांची: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य आशा लकड़ा ने विभिन्न आदिवासी समूहों के विरोध के मद्देनजर झारखंड सरकार से रांची में एक फ्लाईओवर के निर्माण को रोकने का आग्रह बीते मंगलवार को किया।
कई आदिवासी संगठन सिरम टोली में बनाए जा रहे फ्लाईओवर के ‘रैंप' को हटाने की मांग कर रहे हैं। आशा लकड़ा ने दावा किया कि इससे सरना स्थल तक पहुंचने में बाधा आ रही है और वाहनों की लगातार आवाजाही से इस धार्मिक स्थल की पवित्रता भंग हो सकती है। आर्यभट्ट सभागार में केंद्रीय सरना समिति और अन्य आदिवासी संगठनों के साथ बैठक के बाद लकड़ा ने स्थिति का आकलन करने के लिए निर्माण स्थल का दौरा किया। लकड़ा ने कहा, ‘‘कई आदिवासी संगठनों ने एनसीएसटी को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। एनसीएसटी और राज्य सरकार के बीच आज अपराह्न साढ़े 3 बजे बैठक होनी थी, लेकिन सरकार ने अपरिहार्य परिस्थितियों का हवाला देते हुए इसे रद्द करने का अनुरोध किया। बैठक की नयी तारीख एक या दो दिन में तय की जाएगी।''
लकड़ा ने कहा, ‘‘मौका मुआयना के बाद, मुझे आदिवासी संगठनों की मांगें जायज लगीं। सिरम टोली में सरना स्थल आदिवासियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। सरहुल त्योहार के दौरान लाखों लोग यहां आते हैं और ‘रैंप' बनने से उनके लिए बाधा उत्पन्न होगी। लकड़ा ने सरकार से बैठक होने तक ‘रैंप' पर काम रोकने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस मामले के बारे में सरकार को भी लिखूंगी।'' इस फ्लाईओवर की लंबाई 2.34 किलोमीटर है और परियोजना का उद्देश्य सिरम टोली को मेकॉन से जोड़कर लोगों के सफर को सुगम बनाना है। इस परियोजना पर काम अगस्त 2022 में शुरू हुआ था जिसकी लागत 340 करोड़ रुपये है।