Edited By Khushi, Updated: 03 Aug, 2024 06:33 PM
झारखंड विधानसभा मानसून सत्र बीते शुक्रवार को अनिश्चितकाल के स्थगित हो गया है, लेकिन सदन की कार्यवाही में निलंबित किए गए बीजेपी के विधायकों का गुस्सा अभी कम नहीं हुआ है। इसके चलते बीजेपी के विधायकों ने विधानसभा स्पीकर रवींद्रनाथ महतो को पद से हटाने...
रांची: झारखंड विधानसभा मानसून सत्र बीते शुक्रवार को अनिश्चितकाल के स्थगित हो गया है, लेकिन सदन की कार्यवाही में निलंबित किए गए बीजेपी के विधायकों का गुस्सा अभी कम नहीं हुआ है। इसके चलते बीजेपी के विधायकों ने विधानसभा स्पीकर रवींद्रनाथ महतो को पद से हटाने की मांग की है।
"स्पीकर ने अपने पद का सही रूप से निर्वहन नहीं किया"
बीजेपी के विधायकों ने विधानसभा के प्रभारी सचिव को पत्र लिखा है। विधायकों ने प्रभारी सचिव से झारखंड विधानसभा की प्रक्रिया व कार्य संचालन के नियम 158 (1) के तहत उन पर कार्रवाई की मांग की है। पत्र में लिखा है कि झारखंड विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष ने अपने पद का विवेकपूर्ण उपयोग नहीं करते हुए भाजपा के 18 विधायकों को हेमंत सरकार के इशारे पर निलंबित किया। भाजपा ने कहा कि झारखण्ड विधान सभा के फुटेज से स्पष्ट है कि नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने 31 जुलाई को सदन शुरू होते ही युवाओं एवं संविदाकर्मियों के विषय पर चर्चा करवाने एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जवाब दिलवाने का आग्रह किया था। भाजपा ने आरोप लगाया कि स्पीकर ने अपने पद का निष्पक्ष रूप से उपयोग नहीं किया और मुख्यमंत्री के हित की रक्षा करते हुए सरकार के इशारे पर झामुमो के एक विधायक सुदिव्य कुमार के द्वारा लाये गए निलंबन प्रस्ताव पर भाजपा विधायकों को निलंबित किया है, जबकि अमूमन इस प्रकार का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री सदन में लाते हैं, तथा उसके पूर्व में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होती है, जो नहीं हुआ। भाजपा ने कहा कि स्पीकर ने अपने पद का सही रूप से निर्वहन नहीं करते हुए करीब 05 वर्ष अध्यक्ष की भूमिका में कम और झामुमो के कार्यकर्ता के रूप में ज्यादा कार्य किया, इसका प्रमाण है विधानसभा अध्यक्ष रहते 2024 के संपन्न लोकसभा चुनाव में दुमका लोकसभा क्षेत्र में झामुमो का झंडा लगाकर झामुमो प्रत्याशी नलिन सोरेन के पक्ष में चुनाव प्रचार किया।
"स्पीकर ने अपने पद पर रहते हुए BJP विधायकों पर झूठा आरोप लगाया"
भाजपा ने आगे कहा कि स्पीकर ने अपने पद पर रहते हुए लगभग 04 वर्ष तक भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी सहित कई भाजपा विधायकों को पूर्वाग्रह से ग्रसित रहकर सदन के अंदर बोलने तक नहीं दिया तथा कई विधयाकों की पूरे सत्र के दरम्यान एक बार भी ध्यानाकर्षण की सूचना ग्रहण नहीं किया है। स्पीकर ने अपने पद पर रहते हुए लगातार केन्द्र सरकार की आलोचना की, यहां तक कि भाजपा के गोड्डा के सांसद के व्यक्तिगत बयान की भी सदन में चर्चा कर झामुमो एवं कांग्रेस के विधायकों को भी उकसाने का काम किया। स्पीकर ने अपने पद पर रहते हुए भाजपा विधायकों पर झूठा आरोप लगाया कि भाजपा विधायकों ने महिला एवं पुरुष मार्शलों के साथ दुर्व्यवहार किया है, इससे दुखी होकर हम सभी भाजपा विधायक सक्षम न्यायालय में विधानसभा अध्यक्ष के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।