हेमंत सोरेन ने 50 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले वाले हाईटेक डेयरी प्लांट का किया उद्घाटन

Edited By Diksha kanojia, Updated: 30 Jun, 2022 02:20 PM

cm inaugurated hi tech dairy plant with a capacity of 50 thousand

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दुग्ध उत्पादकों के सम्मान राशि के तौर पर 10 करोड़ रूपए का चेक झारखंड मिल्क फेडरेशन को सौंपा। साहिबगंज डेयरी प्लांट के उद्घाटन समारोह में झारखंड मिल्क फेडरेशन और कॉमन सर्विस सेंटर (प्रज्ञा केंद्र) के बीच एमओयू पर करार हुआ।...

 

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज साहिबगंज में संतालवासियों को अत्याधुनिक डेयरी प्लांट की बड़ी सौगात दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस डेयरी प्लांट के चालू होने से किसानों- पशुपालकों-दुग्ध उत्पादकों की जिंदगी में आमूलचूल बदलाव आएगा। इनकी आमदनी बढ़ेगी। इस तरह हमारे किसान भाइयों के साथ राज्य भी आत्मनिर्भर बनेगा।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दुग्ध उत्पादकों के सम्मान राशि के तौर पर 10 करोड़ रूपए का चेक झारखंड मिल्क फेडरेशन को सौंपा। साहिबगंज डेयरी प्लांट के उद्घाटन समारोह में झारखंड मिल्क फेडरेशन और कॉमन सर्विस सेंटर (प्रज्ञा केंद्र) के बीच एमओयू पर करार हुआ। इसके तहत राज्य के डेयरी प्लांटों में प्रोसेसिंग दूध और दूध के उत्पादों को मेधा डेयरी के द्वारा बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा। इसी कड़ी में ही मेधा डेयरी के सभी दुग्ध उत्पाद राज्य के 20 हज़ार से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर पर मिलेगा। इसके लिए संचालकों को आज मुख्यमंत्री ने रिटेल सर्टिफिकेट प्रदान किया। इस तरह सरकार ने गांव गांव तक इन दुग्ध उत्पादकों को उपलब्ध कराने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास और कल्याण के लिए सरकार संसाधन उपलब्ध कराती है। संसाधनों का समुचित और बेहतर इस्तेमाल हो, इसे आपको सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि साहिबगंज डेयरी प्लांट की वर्तमान प्रोसेसिंग क्षमता प्रतिदिन 50 हज़ार लीटर की है । इसकी क्षमता को बहुत जल्द बढ़ाकर एक लाख लीटर और फिर दो लाख लीटर तक करने के लिए सरकार सभी सहयोग करेगी। सोरेन ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज बाजार में कृत्रिम दूध और उससे बने दुग्ध उत्पाद धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। यह दूध हमारे शरीर के लिए कितना खतरनाक है, इससे हम सभी वाकिफ हैं। अगर इस पर नियंत्रण नहीं किया जाए तो मानव जीवन खतरे में पड़ सकता है। इतना ही नहीं तमाम कोशिशों के बाद भी कुपोषण के मामले आ रहे हैं। आज इससे बचने के लिए शुद्ध दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत है, ताकि लोग इसका सेवन करें और स्वस्थ रहे। पशु पालकों से आग्रह है कि वे पशुधन को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दें, ताकि ज्यादा से ज्यादा शुद्ध दूध अधिकतम लोगों तक पहुंचे।

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