Edited By Khushi, Updated: 12 Jun, 2024 11:55 AM
झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विभिन्न विभागों द्वारा संचालित फ्लैगशिप योजनाओं, नीतियों और कार्यक्रमों की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस मौके पर उन्होंने विभिन्न योजनाओं के प्रगति की जानकारी लेने के साथ अधिकारियों को कई निर्देश दिए।
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विभिन्न विभागों द्वारा संचालित फ्लैगशिप योजनाओं, नीतियों और कार्यक्रमों की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस मौके पर उन्होंने विभिन्न योजनाओं के प्रगति की जानकारी लेने के साथ अधिकारियों को कई निर्देश दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में वर्तमान में किसानों का 50 हजार रुपए तक का ऋण माफ किया जा रहा है। इसे अब बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया जाना है।
"समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को मिलेगा ब्याज मुक्त लोन"
चंपई सोरेन कहा कि ऐसे में इसके लिए नीतिगत प्रक्रिया को जल्द पूरा करें। ज्यादा से ज्यादा किसानों को केसीसी से आच्छादित करें। समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को ब्याज मुक्त लोन मिलेगा। चम्पई सोरेन ने निर्देश देते हुए कहा कि जून महीने के अंतिम अथवा जुलाई माह के पहले सप्ताह तक बीज का वितरण हर हाल में कर दिया जाए। सभी सरकारी विद्यालयों में शीघ्र प्रारंभ करें जनजातीय भाषा की पढ़ाई राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में जनजातीय भाषा की पढ़ाई शीघ्र प्रारंभ करें। स्थानीय जनजातीय भाषाओं को प्राथमिकता देते हुए स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को जनजातीय भाषा की शिक्षा उपलब्ध कराना सुनिश्चित की जाए। जनजातीय भाषा- संताली, हो, कुड़ुख, खड़िया, मुंडारी सहित सभी जनजातीय भाषाओं के विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति शीघ्र करें।
CM चंपई के अन्य निर्देश
चंपई सोरेन कहा कि भवन विहीन स्वास्थ्य उपकेंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अन्य स्वास्थ्य केंद्र का भवन निर्माण कार्य किया जाए। सभी स्वास्थ्य केंद्र का भवन निर्माण इस वर्ष नवंबर तक पूरा करें। सभी स्तर के सरकारी अस्पतालों के एक ही भवन में ओपीडी और जांच की सुविधा हो। यहां सभी दवाई भी होनी चाहिए। अस्पताल परिसर में स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाए। डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल में नियमित रूप से रहें। अस्पताल परिसरों में वृक्षारोपण हो। चंपई सोरेन कहा कि सभी सरकारी विद्यालयों में शीघ्र प्रारंभ करें जनजातीय भाषा की पढ़ाई राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में जनजातीय भाषा की पढ़ाई शीघ्र प्रारंभ करें। स्थानीय जनजातीय भाषाओं को प्राथमिकता देते हुए स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को जनजातीय भाषा की शिक्षा उपलब्ध कराना सुनिश्चित की जाए। जनजातीय भाषा- संताली, हो, कुड़ुख, खड़िया, मुंडारी सहित सभी जनजातीय भाषाओं के विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति शीघ्र करें।