Edited By Nitika, Updated: 03 Oct, 2023 10:27 AM

झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णनन ने रांची-दिल्ली उड़ान के दौरान जन्मजात दिल की बीमारी से ग्रसित एक शिशु की जान बचाने के लिए अपने प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी द्वारा की गई मदद को लेकर उनकी प्रशंसा की।
रांचीः झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णनन ने रांची-दिल्ली उड़ान के दौरान जन्मजात दिल की बीमारी से ग्रसित एक शिशु की जान बचाने के लिए अपने प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी द्वारा की गई मदद को लेकर उनकी प्रशंसा की। शिशु को इसके कारण श्वसन संबंधी गंभीर समस्या थी। राधाकृष्णन ने कुलकर्णी की प्रशंसा करते हुए ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘मुझे आपके इस नेक कार्य पर गर्व है। यह मानवता की सेवा है।''
कुलकर्णी 1995 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी और प्रशिक्षित चिकित्सक हैं। राज्यपाल ने सोमवार को कहा, ‘‘एक बच्चे की जान बचाने में आपने जो तत्परता दिखाई वह बेहद प्रशंसनीय है। मानवता की सेवा की दिशा में आपका कार्य अन्य के लिए उदाहरण प्रस्तुत करेगा।'' कुलकर्णी और रांची सदर अस्पताल से एक चिकित्सक ने वयस्कों के लिए बने मास्क के जरिए बच्चे को ऑक्सीजन की आपूर्ति की तथा बच्चे को आपात चिकित्सकीय सहायता के तहत अन्य दवाएं दीं। विमान के उतरने के बाद चिकित्सकीय टीम ने बच्चे को अपनी निगरानी में ले लिया और उसे ऑक्सीजन सपोर्ट उपलब्ध करवाया। अधिकारियों ने बताया कि बच्चे के माता पिता उपचार के लिए उसे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जा रहे थे। विमान के उड़ान भरने के करीब 20 मिनट बाद चालक दल के सदस्यों ने संकट में बच्चे की मदद के लिए विमान में सवार किसी चिकित्सक से चिकित्सकीय मदद मांगते हुए आपात घोषणा की। कुलकर्णी और रांची सदर अस्पाल से डॉ. मोजम्मिल फिरोज बच्चे की जान बचाने के लिए आगे आए।
डॉ. कुलकर्णी ने कहा, ‘‘बच्चे की मां रो रही थी क्योंकि बच्चा सांस नहीं ले पा रहा था। डॉ. मोजम्मिल और मैंने बच्चे की देखभाल की और उसे वयस्कों के लिए बने मास्क या केनुला की मदद से ऑक्सीजन दी।'' उन्होंने कहा, ‘‘जब हमने बच्चे का चिकित्सकीय रिकॉर्ड देखा तो हमने पाया कि बच्चा जन्मजात दिल की बीमारी से पीड़ित है।'' उन्होंने कहा कि विमान में मौजूद दवाओं में से बच्चे को थियोफाइलाइन इंजेक्शन दिया गया। अभिभावकों के पास भी डेक्सोना इंजेक्शन था जो काफी मददगार साबित हुआ। उन्होंने कहा कि इंजेक्शन देते ही बच्चे की हालत में सुधार देखा गया। उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआती 15-20 मिनट का समय काफी अहम था क्योंकि बच्चे की हालत में सुधार का अनुमान लगा पाना काफी कठिन था। आखिरकार बच्चे की आंखें सामान्य हो गईं। चालक दल के सदस्य भी बेहद मददगार थे और उन्होंने तत्काल मदद उपलब्ध करवाई।'' कुलकर्णी ने कहा, ‘‘हमने विमान को प्राथमिकता के आधार पर उतारने और उतरते ही बच्चे को चिकित्सकीय मदद देने की अपील की।''
विमान सुबह नौ बजकर 25 मिनट पर उतरा और एक चिकित्सकीय टीम बच्चे को ऑक्सीजन सपोर्ट देने के लिए पहुंची। कुलकर्णी ने कहा, ‘‘हमें खुशी है और हम एक घंटे से भी अधिक समय के हमारे प्रयास के नतीजे से संतुष्ट हैं।'' एक सहयात्री ने बच्चे को बचाने के लिए चिकित्सकों को बधाई दी। एएस देओल ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘डॉक्टर ईश्वर द्वारा भेजे गए देवदूत हैं। आज मैंने इंडिगो की उड़ान में किसी को छह महीने के बच्चे को बचाते हुए देखा। झारखंड में राजभवन में तैनात आईएएस डॉ. नितिन कुलकर्णी ने एक डॉक्टर के रूप में अपनी भूमिका निभाई और बच्चे को बचाया। सर, आपको सलाम।''