Edited By Diksha kanojia, Updated: 29 Dec, 2021 03:28 PM

नारायण ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए अन्य एजेंसियों को बलि का बकरा बनाना बंद करे। इन कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। ऐसे नीतिगत फैसले के लिए यूनिसेफ या अन्य एजेंसियों पर दोषारोपण करके...
रांचीः झारखंड विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने राज्य में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के 522 अनुबंधित कर्मियों की सेवा विस्तार की मांग की है।
नारायण ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए अन्य एजेंसियों को बलि का बकरा बनाना बंद करे। इन कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। ऐसे नीतिगत फैसले के लिए यूनिसेफ या अन्य एजेंसियों पर दोषारोपण करके अपनी नाकामी का ठीकरा दूसरों पर फोड़ना ठीक नहीं। नारायण ने कहा कि आंदोलनरत स्वच्छता कर्मियों के अनुसार झारखंड में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत 1118 पद सृजित हैं। इनके विरूद्ध वर्तमान में मात्र 522 अनुबंधित कर्मी कार्यरत हैं।
छत्तीसगढ़, बिहार, असम जैसे राज्यों में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के सभी कर्मियों को सेवा विस्तार दिया गया है। परंतु झारखंड में उल्टा हटाया जा रहा है। रोजगार देने के बदले बेरोजगार करना उचित नहीं है। नारायण ने कहा कि स्वच्छता कर्मियों को एक्सटेंशन देने का नीतिगत फैसला राज्य सरकार को करना है। इस पर सरकार तत्काल निर्णय लेकर सबको सेवा विस्तार दे। इन स्वच्छता कर्मियों ने राज्य में पेयजल और स्वच्छता के क्षेत्र में अच्छा काम किया है। इनके अनुभव का लाभ उठाते हुए इनकी सेवा का सम्मान देना राज्य हित में होगा।