Edited By Khushi, Updated: 08 May, 2025 10:42 AM

रांची: पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भारतीय सेना द्वारा आतंकवादी ठिकानों पर किए गए हमलों के साथ ही झारखंड में बीते बुधवार को 5 जिलों पर ‘मॉक ड्रिल' का आयोजन किया गया।
रांची: पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भारतीय सेना द्वारा आतंकवादी ठिकानों पर किए गए हमलों के साथ ही झारखंड में बीते बुधवार को 5 जिलों पर ‘मॉक ड्रिल' का आयोजन किया गया।
नागरिक सुरक्षा संगठनों के समन्वय से 3 घंटे का यह ‘मॉक ड्रिल' पांच जिलों - रांची, जमशेदपुर, बोकारो, गोड्डा और साहिबगंज में आयोजित किया गया। गृह मंत्रालय ने राज्यों को ‘मॉक ड्रिल' करने के निर्देश दिए थे, क्योंकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच “नई और जटिल चुनौतियों” को लेकर सतर्कता बढ़ाई गई है। ‘मॉक ड्रिल' में हवाई हमलों, अग्नि आपात स्थितियों और खोज एवं बचाव कार्यों जैसे कई प्रतिकूल परिदृश्यों का अनुकरण किया गया।
रांची के डोरंडा में बूंदाबांदी के बीच ‘मॉक ड्रिल' आयोजित किया गया जो 7 सात बजे समाप्त हुआ। ‘मॉक ड्रिल' के बीच यातायात मार्गों को परिवर्तित किया गया और क्षेत्र में निर्धारित ‘ब्लैकआउट' भी रहा। बता दें कि यह मॉक ड्रिल शाम 4:00 बजे प्रारंभ हुआ। इस दौरान लगभग 3 मिनट तक सायरन बजा और उसके बाद यह मॉक ड्रिल की शुरुआत हुई वहीं जब मॉक ड्रिल की समाप्ति हुई तो 30 सेकंड के अंतराल पर साइरन बजा करके इसकी समाप्ति की घोषणा की गई। वहीं मॉक ड्रिल के सफलतापूर्वक संपन्न होने को लेकर के राजधानी रांची के डीसी मंजूनाथ भजंत्री और एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने लोगों को धन्यवाद दिया।
रांची के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि आगे इस तरह के मॉक ड्रिल को पूरे शहर में आयोजित किया जा सकता है। चंदन कुमार सिन्हा ने यह भी कहा कि भले ही यह मॉक ड्रिल सांकेतिक था, लेकिन जो ट्रैफिक रूट का जो डायवर्सन था डायवर्ट किया गया था वो वास्तव में किया गया था और इसमें रांचीवासियों का पूरा सहयोग मिला। इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य था कि युद्ध जैसे हालातों में हवाई हमलों से कैसे बचा जाए और कौन कौन से उपाय किया जाय। ब्लैक आउट भी उसी का एक हिस्सा था।