Edited By Khushi, Updated: 01 Oct, 2024 06:52 PM
झारखंड में कोडरमा जिले की एक अदालत ने तत्कालीन कांग्रेस जिलाध्यक्ष शंकर यादव हत्याकांड मामले में बीते सोमवार को 4 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
कोडरमा: झारखंड में कोडरमा जिले की एक अदालत ने तत्कालीन कांग्रेस जिलाध्यक्ष शंकर यादव हत्याकांड मामले में बीते सोमवार को 4 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम के न्यायाधीश गुलाम हैदर की अदालत ने कांड के आरोपी मुनेश यादव पिता नाथो यादव, ग्राम भट्ट बीघा चौपारण, जिला- हजारीबाग को मामले में भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 302/34 के तहत दोषी पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 50000 रुपए जुर्माना लगाया जुर्माना की राशि नहीं देने पर 2 वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
वहीं, न्यायालय ने 120 बी के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 50000 रुपए जुर्माना लगाया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर 2 वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। न्यायालय ने मामले में रामदेव यादव और नरेश यादव को भी 302/34 आईपीसी एवं 120 बी के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 25000 रुपए जुर्माना लगाया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। न्यायालय ने पवन यादव को 302 / 34 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए 25 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई एवं 25000 रुपए जुर्माना लगाया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। न्यायालय ने सभी आरोपियों को 307 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 5000 रुपए का जुर्माना लगाया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। वहीं, न्यायालय ने एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत सभी को दोषी पाते हुए 12 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 5000 रुपए जुर्माना लगाया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सभी सजाऐ साथ-साथ चलेगी।
उल्लेखनीय है कि मृतक शंकर यादव की पत्नी हेमलता देवी के के लिखित आवेदन पर चंदवारा थाना में चंदवारा थाना कांड संख्या 16/ 2018 दर्ज किया गया था। अभियोजन का संचालक लोक अभियोजक एंजेलिना वारला एवं अधिवक्ता सुरेस यादव ने किया। इस दौरान सभी 32 गवाहों का परीक्षण कराया गया। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनवर हुसैन, तारकेश्वर मेहता एवं दीपक गुप्ता ने दलीलें पेश करते हुए बचाव किया। अदालत ने सभी गवाहों और साक्षयों का अवलोकन करने के उपरांत अभियुक्त को दोषी पाते हुए सजा मुकर्रर की और जुर्माना लगाया।