Edited By Diksha kanojia, Updated: 06 May, 2021 10:27 AM
दास ने धरना देने के क्रम में कहा कि बंगाल में चुनाव के बाद बर्बर हिंसा की घटनाएं उद्वेलित करती है। चुनाव लोकतंत्र का उत्सव होते हैं, लेकिन बंगाल में चुनाव के पहले हिंसा, आगजनी, बमबारी, तोडफ़ोड़, चुनाव के दौरान भी उन्हीं हिंसक घटनाओं का दोहराव और...
रांचीः भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बंगाल परिणाम आने के बाद सरकार समर्थित हिंसा व भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में मंगलवार को जमशेदपुर में धरना दिया।
दास ने धरना देने के क्रम में कहा कि बंगाल में चुनाव के बाद बर्बर हिंसा की घटनाएं उद्वेलित करती है। चुनाव लोकतंत्र का उत्सव होते हैं, लेकिन बंगाल में चुनाव के पहले हिंसा, आगजनी, बमबारी, तोडफ़ोड़, चुनाव के दौरान भी उन्हीं हिंसक घटनाओं का दोहराव और चुनाव के बाद भाजपा के दर्जन भर कार्यकर्ताओं की हत्या, दो महिला कार्यकर्ताओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म, पार्टी कार्यालयों पर हमले तथा आगजनी की घटनाओं ने हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
इन घटनाओं से उत्पन्न पीड़ा तब और टीसती है, जब समूचा विपक्ष नपुंसक चुप्पी ओढ़े दिखाई देता है। मोमबत्ती गैंग बिल में घुस जाता है और अवार्ड वापसी गिरोह ओझल हो जाता है। इन्हें मालूम है कि दुष्कर्म भाजपा की महिलाओं के साथ नहीं लोकतंत्र के साथ हुआ है, हत्या जनतंत्र की हुई है। और जम्हूरियत शर्मशार हुई है।दास ने कहा कि संविधान और लोकतंत्र की दुहाई देने वाले पाखंडी टी.एम.सी. वालों को यह पता ही नहीं है कि भाजपा संघर्ष तथा हमले को झेलते हुए ही यहां तक पहुंची है और बंगाल की लड़ाई भी वह लोकतांत्रिक-संवैधानिक तरीके से लडऩे में समर्थ है।
भाजपा तीन सीटों से 80 तक पहुंची है और वह भी विषम परिस्थिति में लड़ी थी। शासन, प्रशासन, गुंडे-मवाली और सभी विपक्षी एक साथ थे। लेकिन क्या लोकतंत्र पराजित दल के लोगों का कत्लेआम जायज है। क्या देश में कभी भी कहीं भी ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ मजबूती से खड़े हैं। ममता बनर्जी ने संविधान की जो शपथ ली है, उसका पालन करें। थोड़ी मानवता दिखाइए। माँ, माटी, मानुष की रक्षा कीजिये। विनय वार्ता नननन