शारदा सिन्हा के निधन से झारखंड में शोक की लहर, बेरमो के लोगों ने जताया दुख, कहा- उनके द्वारा गाए छठ गीत आज भी सुने जाते हैं

Edited By Khushi, Updated: 06 Nov, 2024 12:37 PM

wave of mourning in jharkhand due to the demise of sharda sinha

प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा का बीते मंगलवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अस्पताल में निधन हो गया। शारदा सिन्हा के निधन पर बोकारो के बेरमो के कई लोगों ने शोक जताया और कहा कि उनके द्वारा गाए छठ गीत आज भी सुने जाते हैं।

बोकारो: प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा का बीते मंगलवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अस्पताल में निधन हो गया। शारदा सिन्हा के निधन पर बोकारो के बेरमो के कई लोगों ने शोक जताया और कहा कि उनके द्वारा गाए छठ गीत आज भी सुने जाते हैं।

गौरतलब है कि वर्ष 1986 में शारदा सिन्हा बेरमो के कुरपनिया स्थित नागेश्वर धाम शिव मंदिर के उद्घाटन समारोह में आयी थीं और कार्यक्रम प्रस्तुत किया था। उन्होंने शिव विवाह गीत, लोक गीत और छठ के एक से बढ़ कर गीत प्रस्तुत किया था। शारदा सिन्हा को देखने और सुनने के लिए पूरा शिव मंदिर खचाखच भरा हुआ था। बेरमो के मजदूर नेता रामाधार सिंह सहित स्थानीय कई गणमान्य लोगों ने शारदा सिन्हा को मंदिर प्रांगण में सम्मानित किया था।

बता दें कि शारदा सिन्हा को पिछले महीने एम्स के कैंसर संस्थान, इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल (आईआरसीएच) की गहन देखभाल इकाई में भर्ती कराया गया था। सिन्हा (72) एक भारतीय लोक और शास्त्रीय गायिका थीं। पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा को उनके भोजपुरी, मैथिली और मगही लोकगीतों के लिए जाना जाता है। ‘बिहार कोकिला’ के नाम से मशहूर एवं सुपौल में जन्मीं सिन्हा छठ पूजा एवं विवाह जैसे अवसरों पर गाए जाने वाले लोकगीतों के कारण अपने गृह राज्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मशहूर थीं।

 

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