Edited By Harman, Updated: 16 Dec, 2024 04:28 PM
बिहार में संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के लिए रजिस्ट्रार ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पडेंगे। अब बिहार सरकार ने राज्य में भ्रष्टाचार को खत्म करने और रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, राज्य सरकार ने 17 दिसंबर से सभी जिला...
पटना: बिहार में संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के लिए रजिस्ट्रार ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पडेंगे। अब बिहार सरकार ने राज्य में भ्रष्टाचार को खत्म करने और रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, राज्य सरकार ने 17 दिसंबर से सभी जिला निबंधन कार्यालयों में ई-रजिस्ट्री सिस्टम लागू करने की घोषणा की है।
जानें ई-रजिस्ट्री का प्रोसैस
बता दें कि ई-रजिस्ट्री सिस्टम के तहत जमीन की रजिस्ट्री से जुड़े सभी कार्य ऑनलाइन किए जाएंगे। सबसे पहले आवेदक को अपनी जमीन की रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद जमीन की जांच और सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन के बाद आवेदक को स्टांप शुल्क और निबंधन शुल्क का भुगतान करना होगा। आवेदक को सभी आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करने होंगे। आवेदक, विक्रेता और गवाहों का बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाएगा। जिला अवर निबंधक द्वारा सभी दस्तावेजों की जांच और सत्यापन के बाद रजिस्ट्री पूरी होगी।
भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम
गौरतलब है कि ई-रजिस्ट्री सिस्टम से आम लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। अब उन्हें जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए दलालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वे घर बैठे ही अपनी जमीन की रजिस्ट्री करवा सकेंगे। बिहार सरकार का मानना है कि ई-रजिस्ट्री सिस्टम से जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। इससे राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा।