Edited By Ramanjot, Updated: 12 Dec, 2024 05:48 PM
Gaya News: इसके बाद आर्लेकर ने महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में जाकर भगवान बुद्ध के दर्शन किया और विशेष पूजा अर्चना की। इसके बाद वे महाबोधि मंदिर के प्रांगण में स्थित पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे आयोजित अंतरराष्ट्रीय पूजा में शामिल हुए, जहां बौद्ध भिक्षुओं...
Gaya News: भगवान बुद्ध की पावन ज्ञान भूमि बोधगया स्थित विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) में आयोजित 19वें अंतररष्ट्रीय त्रिपिटक पूजा में गुरुवार को बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर शामिल हुए। राज्यपाल आर्लेकर पूजा में शामिल होने के लिए आज सुबह बोधगया पहुंचे जहां बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी के लोगों ने पुष्प-गुच्छ देकर उनका स्वागत किया।
इसके बाद आर्लेकर ने महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में जाकर भगवान बुद्ध के दर्शन किया और विशेष पूजा अर्चना की। इसके बाद वे महाबोधि मंदिर के प्रांगण में स्थित पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे आयोजित अंतरराष्ट्रीय पूजा में शामिल हुए, जहां बौद्ध भिक्षुओं ने उनका अभिनंदन किया। आर्लेकर ने वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बोधगया भगवान बुद्ध की ज्ञान भूमि है। यहीं ज्ञान प्राप्त करने के बाद उन्होंने पूरी दुनिया को मध्यम मार्ग का रास्ता बताया था। उन्होंने सत्य, अहिंसा, प्रेम, करुणा भाईचारा और मैत्री का संदेश दिया था। आज भी उनके संदेश प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि बुद्ध के उपदेशों को अपनाने की जरूरत है, तभी विश्व में शांति आएगी।
गौरतलब है कि विगत दो दिसंबर से बोधगया के महाबोधि मंदिर के प्रांगण में 19वें अंतररष्ट्रीय त्रिपिटक का शुभारंभ हुआ था, इसके समापन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राज्यपाल यहां पर पहुंचे, इस दौरान विश्व के कई देशों के धर्मगुरु इस पूजा में शामिल हुए, जहां उन्होंने विश्व शांति के निमित्त इस पूजा में विशेष प्रार्थना की। इससे पहले राज्यपाल बोधगया स्थित महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र पहुंचे, जहां वे महारानी अहिल्याबाई होलकर के 300 वें जयंती समारोह में शामिल हुए। इस मौके पर बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी के सचिव महाश्वेता महारथी, सदस्य अरविंद कुमार सिंह, भंते चालिन्दा सहित कई लोग उपस्थित थे।