Edited By Ramanjot, Updated: 28 Jan, 2024 03:22 PM
Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री पद से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के इस्तीफे देने के देश की राजनीति में खलबली मच गई है। जहां एक तरफ भाजपा के नेता नीतीश कुमार को बधाई दे रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन के नेता उनपर लगातार हमलावर हैं। इसी...
Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री पद से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के इस्तीफे देने के बाद देश की राजनीति में खलबली मच गई है। जहां एक तरफ भाजपा के नेता नीतीश कुमार को बधाई दे रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन के नेता उनपर लगातार हमलावर हैं। इसी बीच जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) का भी बयान सामने आया है।
"आज सभी का पलटू राम आया सामने"
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के द्वारा सीएम पद से इस्तीफा देने पर कहा कि आज जो घटना क्रम हुआ है वह हम पहले से कह रहे थे कि यह होगा। नीतीश कुमार पलटू राम थे यह पूरी दुनिया जानती थी लेकिन आज के घटना क्रम में सभी का पलटू राम सामने आया है। नीतीश कुमार के साथ भाजपा और राजद भी पलटू राम है। जो भाजपा नीतीश कुमार को गाली दे रहे थे अब उनको सुशासन दिखेगा और राजद के लोग अब नीतीश को गाली देंगे। उन्होंने कहा कि एनडीए में नीतीश के शामिल होने पर भाजपा को लोकसभा चुनाव में जरूर फायदा होगा लेकिन 2025 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी नुकसान होगा यह लिखकर रख लिजिए।
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2022 में BJP से नाता तोड़ने के बाद महागठबंधन में शामिल हुए थे नीतीश
गौरतलब हो कि अगस्त 2022 में भाजपा से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार लालू प्रसाद की पार्टी राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो गए थे। उस वक्त नीतीश ने भाजपा पर जद(यू) में विभाजन की कोशिश करने का आरोप लगाया था। नीतीश कुमार ने भाजपा को केंद्र में सत्ता से उखाड फेंकने के लिए देश भर में सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने का अभियान शुरू किया जिसकी परिणति विपक्षी गठबंधन ‘‘इंडिया'' के गठन के रूप में हुई। वहीं अब नीतीश के राजग में लौटने से विपक्षी गठबंधन को भी बड़ा झटका लगेगा। नीतीश ने एक तरह से तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हुए यह घोषणा की थी कि राजद नेता 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का नेतृत्व करेंगे। नीतीश की इस घोषणा के बाद जद(यू) में नाराजगी फैल गई जिसके कारण उपेन्द्र कुशवाहा जैसे उनके करीबी सहयोगी को पार्टी छोड़नी पड़ी।