Edited By Ramanjot, Updated: 07 Jun, 2025 05:36 PM
वहीं कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट त्रिभुवन सिंह ने 1985 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर ली थी। 1990 में जीरादेई से निर्दलीय कैंडिडेट एस एम मशाबुद्दीन ने सभी विरोधियों को करारी शिकस्त दे दिया था। 1995 में जनता दल के टिकट पर एम शहाबुद्दीन ने...
Ziradei Assembly Seat: जीरादेई विधानसभा सीट सीवान लोकसभा के तहत आता है। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का पैतृक स्थान जीरादेई ही था। इसलिए जीरादेई का ऐतिहासिक दृष्टि से अपना अलग ही महत्व है। 1957 में जीरादेई सीट पर हुए पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी कैंडिडेट जावर हुसैन ने जीत हासिल की थी। वहीं 1962में हुए चुनाव में यहां से एसडब्ल्यूए पार्टी के कैंडिडेट राजाराम चौधरी ने विरोधियों को मात दे दिया था। 1967 और 1969 में हुए चुनाव में जीरादेई सीट से कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट जावर हुसैन ने लगातार दो बार जीत हासिल की थी। वहीं 1972 में हुए चुनाव में यहां से कांग्रेसी कैंडिडेट शंकरनाथ चौधरी ने जनता का समर्थन हासिल कर लिया था। 1977 में जीरादेई से कांग्रेसी कैंडिडेट राजाराम चौधरी ने विरोधियों को करारी मात दे दी थी। 1980 में यहां हुए विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी के कैंडिडेट राघव प्रसाद ने जीत हासिल किया था।

वहीं कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट त्रिभुवन सिंह ने 1985 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर ली थी। 1990 में जीरादेई से निर्दलीय कैंडिडेट एस एम मशाबुद्दीन ने सभी विरोधियों को करारी शिकस्त दे दिया था। 1995 में जनता दल के टिकट पर एम शहाबुद्दीन ने जीरादेई में जनता का सबसे ज्यादा समर्थन हासिल किया था। वहीं 2000 में जीरादेई में हुए चुनाव में आरजेडी की टिकट पर मोहम्मद अजाउल हक ने जीत हासिल की थी। अक्टूबर 2005 में जीरादेई में हुए विधानसभा चुनाव में जेडीयू के कैंडिडेट श्याम बहादुर सिंह ने जीत का परचम लहरा दिया था। 2010 में बीजेपी के कैंडिडेट आशा देवी ने जीरादेई में विरोधियों को शिकस्त देने में कामयाबी हासिल की थी। 2015 में जीरादेई सीट से जेडीयू के कैंडिडेट रमेश सिंह कुशवाहा ने जीत हासिल की थी तो 2020 में यहां से भाकपा माले उम्मीदवार अमरजीत कुशवाहा ने जीत का परचम लहराया था।
एक नजर 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में जीरादेई सीट पर भाकपा माले उम्मीदवार अमरजीत कुशवाहा ने जीत का परचम लहराया था। कुशवाहा को 69 हजार चार सौ 42 वोट मिला था तो जेडीयू कैंडिडेट कमला सिंह 43 हजार नौ सौ 32 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं एलजेपी उम्मीदवार बिनोद तिवारी सात हजार एक सौ 55 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में जीरादेई सीट से जेडीयू कैंडिडेट रमेश सिंह कुशवाहा ने जीत हासिल की थी। रमेश सिंह कुशवाहा को 40 हजार सात सौ 60 वोट मिला था तो बीजेपी कैंडिडेट आशा देवी को 34 हजार छह सौ 69 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से रमेश सिंह कुशवाहा ने आशा देवी को 6 हजार 91 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं सीपीआई एमएल एल के कैंडिडेट अमरजीत कुशवाहा, 34 हजार पांच सौ 62 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

एक नजर 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव में जीरादेई सीट से बीजेपी कैंडिडेट आशा देवी ने जीत हासिल की थी। आशा देवी को 29 हजार चार सौ 42 वोट मिला था तो सीपीआई एमएल एल के कैंडिडेट अमरजीत कुशवाहा ने 20 हजार पांच सौ 52 वोट हासिल किया था। इस तरह से आशा देवी ने अमरजीत कुशवाहा को 8 हजार आठ सौ 90 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं आरजेडी कैंडिडेट शिव शंकर यादव, 12 हजार पांच सौ 55 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

एक नजर 2005 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में जीरादेई सीट से जेडीयू कैंडिडेट श्याम बहादुर सिंह ने जीत हासिल की थी। श्याम बहादुर सिंह को 42 हजार दो सौ 67 वोट मिला था तो आरजेडी कैंडिडेट एजाजुल हक ने चुनाव में 27 हजार आठ सौ 87 वोट हासिल किया था। इस तरह से श्याम बहादुर सिंह ने एजाजुल हक को 14 हजार तीन सौ 80 वोट से हरा दिया था। वहीं बीएसपी कैंडिडेट अजय कुमार सिंह, 3 हजार 48 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे।

जीरादेई विधानसभा सीट पर मुस्लिम,यादव, ब्राह्मण और राजपूत मतदाताओं की निर्णायक संख्या है। इन तमाम सामाजिक समूहों की आबादी करीब 44 फीसदी है। सामाजिक समीकरण को देखें तो यहां से इंडिया गठबंधन का पलड़ा भारी नजर आता है।