बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 1197 उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के थे: चुनाव आयोग

Edited By Nitika, Updated: 22 Nov, 2020 06:00 PM

1197 candidates contesting bihar assembly elections were of criminal background

हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में कुल 1197 उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के थे, जिनमें से 467 को मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों ने मैदान में उतारा था। चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई।

 

नई दिल्ली/पटनाः हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में कुल 1197 उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के थे, जिनमें से 467 को मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों ने मैदान में उतारा था। चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई। बाकी 730 उम्मीदवारों को पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त दलों ने मैदान में उतारा था या उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 3 चरण में हुए चुनाव में 371 महिलाओं सहित कुल 3733 उम्मीदवार मैदान में थे। चुनाव आयोग द्वारा यहां उपलब्ध कराए गए आंकड़ों और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के अनुसार, कोविड-19 मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए विभिन्न नेताओं और उम्मीदवारों की रैलियों और सभाओं के आयोजकों के खिलाफ 156 मामले दर्ज किए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि आयोजकों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए क्योंकि उन्होंने रैलियों या बैठकों को आयोजित करने की अनुमति मांगी थी, जिसके लिए स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य था। 3 चरण के चुनावों से पहले, चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया था कि चुनाव अवधि के दौरान कोविड-19 दिशानिर्देशों का उल्लंघन सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन माना जाएगा। दंड प्रक्रिया संहिता की यह धारा स्थानीय अधिकारियों को खतरे की आशंका वाले या उपद्रव के मामलों को तत्काल रोकने और उसके समाधान के लिए आदेश जारी करने की अनुमति देती है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी अधिनियम की कुछ धाराओं का भी उपयोग किया गया था।

स्थानीय अधिकारियों ने भी स्वास्थ्य दिशानिर्देशों के उल्लंघन के मामलों से निपटने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 188 का इस्तेमाल किया। यह धारा एक अधिकृत लोक सेवक द्वारा जारी आदेशों का पालन न करने से संबंधित है। बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव कोरोना महामारी के बीच होने वाला पहला बड़ा चुनाव था। कुल 7 करोड़ में से चार करोड़ से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इस साल फरवरी में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद, चुनाव आयोग ने मार्च में राजनीतिक दलों को यह बताने के लिए कहा था कि उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को क्यों चुना। बिहार विधानसभा चुनाव पहला ऐसा चुनाव था, जिसमें पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों से जुड़ी ऐसी जानकारियां सार्वजनिक की थीं।

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