Edited By Swati Sharma, Updated: 16 Nov, 2022 03:10 PM
जानकारी के मुताबिक, यह स्कूल मुजफ्फरपुर शहर के सिकन्दरपुर स्थित मुक्तिधाम (श्मशान घाट) में है। इस स्कूल का नाम अप्पन पाठशाला है। सुमित ने बताया कि सिकंदरपुर मुक्तिधाम में पहली बार 2017 में अपने दोस्त के दादाजी का अंतिम संस्कार आए हुए थे। उसी समय...
मुज़फ्फरपुरः अगर सच्चे मन से कोई काम करने की ठान लो तो वह काम मुश्किल नहीं होता है। कुछ ऐसा ही मुजफ्फरपुर के युवा सुमित ने कर दिखाया है। जहां पर लोग जाने से भी डरते हैं, वहां पर सुमित अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर 100 से भी अधिक वंचित बच्चों का भविष्य संवारने के लिए शिक्षा की अलख जगाने का काम कर रहें हैं। युवक चिताओं के करीब यह स्कूल चला रहें हैं और यह स्कूल 3 घंटे चलता हैं।
बच्चों को लाश पर से बताशा चुगते देख जगी जिज्ञासा- सुमित
जानकारी के मुताबिक, यह स्कूल मुजफ्फरपुर शहर के सिकन्दरपुर स्थित मुक्तिधाम (श्मशान घाट) में है। इस स्कूल का नाम अप्पन पाठशाला है। सुमित ने बताया कि सिकंदरपुर मुक्तिधाम में 2017 में पहली बार अपने दोस्त के दादाजी का अंतिम संस्कार करने आए हुए थे। उसी समय देखा कि इस इलाके के गरीब परिवार के बच्चे लाश पर से बताशा और फल चुन रहे थे। यह देखकर उसका दिल-पसीज गया। इसके बाद यहीं से उनके मन में जिज्ञासा जगी कि क्यों न इन्हें पढ़ाया जाए। तभी इन वंचित बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने की बात सुमित के जहन में आई।
100 से ज़्यादा बच्चे कर रहें शिक्षा ग्रहण
वहीं मुक्तिधाम में एक मंदिर था। जहां पर सुमित ने पुजारी से बात करके बच्चों को पढ़ाने की बात कही। अब सुमित अपने साथियों के साथ मुक्तिधाम प्रांगण में ही नियमित पढ़ाते हैं और जहां पर 100 से ज़्यादा बच्चे मुफ्त में शिक्षा ग्रहण करते हैं। सुमित का कहना है कि लोगों का प्यार और सहयोग देखकर अच्छा लगा। इस पाठशाला का नाम अप्पन पाठशाला रखा गया है। ताकि बच्चे उसके साथ जुड़ाव महसूस कर सकें। इस स्कूल में हर दिन शाम 4 से 7 बजे क्लास लगती हैं।
स्कूल में दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहें हैं बच्चे- सुमित
बता दें कि सुमित ने कहा कि इस स्कूल में बच्चे दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहें हैं। इसके कारण बच्चों को पढ़ाने के लिए सुमित ने अपने 2 दोस्तों अभिराज कुमार और सुमन सौरभ को भी तैयार कर लिया। इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के साथ देशभक्ति की शिक्षा भी दी जाती है।