आस्था का केंद्र है सारण का अंबिका मंदिर, तीन शिव मंदिरों के साथ करता है अछ्वुत त्रिभुज का निर्माण

Edited By Ramanjot, Updated: 03 Oct, 2022 01:52 PM

ambika temple forms an untouchable triangle with three shiva temples

छपरा से लगभग 24 किलोमीटर पूर्व दिघवारा इलाके में अवस्थित अम्बिका स्थान मंदिर को यदि केंद्र बिन्दु माना जाए तो इसके समान दूरी पर ही पड़ोसी देश नेपाल में स्थित काठमांडू का पशुपतिनाथ मंदिर, पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश का विश्वनाथ मंदिर और झारखंड के देवघर...

छपराः बिहार के सारण जिले में अवस्थित अम्बिका स्थान मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, जो भगवान शिव के विश्वप्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर, विश्वनाथ मंदिर और वैद्यनाथ धाम के साथ अछ्वुत त्रिभुज का निर्माण करता है। 

मिट्टी की पिंडी की होती है पूजा
छपरा से लगभग 24 किलोमीटर पूर्व दिघवारा इलाके में अवस्थित अम्बिका स्थान मंदिर को यदि केंद्र बिन्दु माना जाए तो इसके समान दूरी पर ही पड़ोसी देश नेपाल में स्थित काठमांडू का पशुपतिनाथ मंदिर, पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश का विश्वनाथ मंदिर और झारखंड के देवघर में मौजूद बाबा वैद्यनाथ धाम की दूरी एक समान है। अंबिका मंदिर इन सभी मंदिरों से दूरी बना कर एक त्रिभुज का निर्माण करती है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां मिट्टी की पिंडी की पूजा मां जगत जननी दुर्गा के रूप में की जाती है। इस कारण यह सिद्धपीठ भक्तों के लिए हमेशा ही आस्था का केंद्र रहा है। 

नवरात्र पर भारी संख्या में पहुंचते हैं श्रद्धालु
प्रति वर्ष आश्विन और चैत्र मास में नवरात्र के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। भक्त अपने घर से यहां आकर नौ दिनों तक मंदिर में रहकर भी दुर्गा सप्तशती का पाठ एवं जप करते हैं। पूरे साल मंदिर के पुजारियों के द्वारा सुबह एवं शाम आरती के पश्चात मंदिर का पट श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है, जिसमें आम भक्त हिस्सा लेते हैं। लेकिन नवरात्रि के अवसर पर इसमें मंदिर के पुजारियों के द्वारा ही मां अम्बिका की आरती की जाती है, जिसमें आम भक्त का प्रवेश वर्जित होता है।

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