Edited By Ramanjot, Updated: 18 Nov, 2023 04:16 PM
बड़गांव का सूर्यपीठ ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के साथ प्रसिद्ध मान्यताओं के कारण यहां छठ व्रत करने बिहार ही नहीं पूरे देश से लोग यहां आकर सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ व्रत करते हैं। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु यहां सच्चे रूप से भगवान भास्कर...
राजगीर: बिहार में नालंदा जिले के बड़गांव स्थित सूर्यमंदिर में भगवान भास्कर की पूजा अर्चना करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। नालंदा जिले का बड़गांव सूर्योपासना का प्रमुख केंद्र है। देश के 12 स्थानों पर भगवान श्री कृष्ण के पौत्र राजा शाम्ब द्वारा सूर्यपीठ की स्थापना की गई थी जिसमें नालंदा का बड़गांव का सूर्य मंदिर शामिल है।
बड़गांव का सूर्यपीठ ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के साथ प्रसिद्ध मान्यताओं के कारण यहां छठ व्रत करने बिहार ही नहीं पूरे देश से लोग यहां आकर सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ व्रत करते हैं। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु यहां सच्चे रूप से भगवान भास्कर की पूजा अर्चना करते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। बड़गांव निवासी अमित कुमार पांडे एवं नीरज पांडे ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण के पौत्र राजा शाम्ब को कुष्ठ रोग हो गया था।
राजा शाम्ब ने बड़गांव में रहकर सूर्य की उपासन की जिससे उन्हें श्रप से मुक्ति मिली, उनका कुष्ठ रोग पूरी तरह ठीक हो गया। राजा शाम्ब ने बड़गांव में तालाव का निर्माण कराया। रोहित कुमार पांडे ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि इस पवित्र सूर्य तालाब में स्नान कर और मंदिर में पूजा करने से कुष्ठ रोगों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही वंश वृद्धि की कामना भी पूरी होती है। यही कारण है कि देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु यहां कार्तिक एवं चैत्र माह में छठ व्रत करने आते हैं। श्रद्धालु सालों भर प्रत्येक रविवार को यहां आकर पूजा अर्चना करते हैं।