Bihar Assembly Election 2020: पहली बार CM नीतीश के लिए वोट मांगेंगे PM मोदी

Edited By Umakant yadav, Updated: 11 Oct, 2020 08:27 PM

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जदयू महासचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री अगले दो दिनों में कुल 35 विधानसभा क्षेत्रों में लोगों को संबोधित करेंगे। उनका चुनाव प्रचार अभियान 12 और 13 अक्टूबर को वर्चुअल माध्यम से होगा।

पटना: बिहार के अब तक के विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार के लिए नरेंद्र मोदी की जरूरत नहीं बताने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बार उन्हीं के साथ संयुक्त चुनावी सभाओं में वोट मांगते नजर आएंगे। 

मोदी और नीतीश कई मौकों पर मंच करेंगे साझा
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय महासचिव और राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने रविवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान कार्यक्रम को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अंतिम रूप दे रही है। उसका विवरण अभी उनके पास नहीं है लेकिन यह निश्चित है कि वह और मुख्यमंत्री कई मौकों पर मंच साझा करेंगे।

जदयू-भाजपा के कार्यकर्ताओं में कोई भ्रम नहीं: झा
झा ने एक प्रश्न के उत्तर में स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश की संयुक्त चुनावी सभा जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के उम्मीदवार वाले क्षेत्रों में भी होगी। उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की ओर इशारा करते हुए कहा कि इससे कुछ लोगों का भ्रम भी दूर होगा। वैसे राज्य की जनता और जदयू-भाजपा के कार्यकर्ताओं में कोई भ्रम नहीं है। दोनों पाटिर्यों का संबंध काफी पुराना होने के कारण निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं के बीच आपसी तालमेल बहुत अच्छा है।

14 अक्टूबर से नीतीश चुनावी सभाओं को करेंगे संबोधित
जदयू महासचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री अगले दो दिनों में कुल 35 विधानसभा क्षेत्रों में लोगों को संबोधित करेंगे। उनका चुनाव प्रचार अभियान 12 और 13 अक्टूबर को वर्चुअल माध्यम से होगा। 14 अक्टूबर से वह चुनावी सभाओं को संबोधित करने के लिए अलग-अलग हिस्सों में जाएंगे।

मोदी के आने से अल्पसंख्यक वोट छिटकने का नीतीश को रहता था डर
गौरतलब है कि वर्ष 2002 के गुजरात दंगे के बाद बिहार में वर्ष 2005 के फरवरी और नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव और उसके बाद वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के अड़े रहने के कारण नरेंद्र मोदी राजग उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार के लिए बिहार नहीं आ पाते थे। कुमार अक्सर कहते थे कि बिहार में एक मोदी (सुशील) है तो दूसरे मोदी (नरेंद्र) की आवश्यकता नहीं है। दरअसल कुमार को आशंका रहती थी कि मोदी के आने से बिहार में अल्पसंख्यक वोट राजग से छिटक जाएगा।

2010 में मोदी की तस्वीर के साथ अपनी तस्वीर देख नाराज हुए थे नीतीश  
वर्ष 2010 के चुनाव से पहले जब जून में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना में हुई थी तब उस दौरान भी अखबार में मोदी और कुमार की तस्वीर वाले विज्ञापन छपने के बाद कुमार इतने नाराज हो गए थे कि उस समय उनकी ओर से भाजपा नेताओं के सम्मान में दिया गया रात्रि भोज रद्द कर दिया गया था।

मोदी के साथ नीतीश के रिश्ते हुए सामान्य
वर्ष 2017 में नीतीश कुमार की राजग में वापसी के बाद अब मोदी के साथ रिश्ते सामान्य हो गए हैं। इसके बाद दोनों नेताओं ने कई अवसरों पर मंच साझा किया है और एक-दूसरे की प्रशंसा की है, जिसमें पिछले साल का लोकसभा चुनाव भी शामिल है लेकिन इस बार अंतर यह है कि लोकसभा के चुनाव में मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए कुमार वोट मांग रहे थे इस बार कुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए मोदी वोट मांगेंगे और यह पहली बार होगा।

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