बिहार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट: राज्य की विकास दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा, 2019-20 में रही 10.05 %

Edited By Ramanjot, Updated: 20 Feb, 2021 09:48 AM

bihar s growth rate higher than national average

बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने विधानमंडल के दोनों सदनों में वर्ष 2020-21 की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार के प्रयास के कारण बिहार की विकास दर राष्ट्रीय औसत से भी अधिक रही है। उन्होंने कहा...

पटनाः बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य की आर्थिक विकास दर 10.05 प्रतिशत रही जबकि इसी अवधि में राष्ट्रीय विकास दर 4.2 प्रतिशत थी।

तारकिशोर प्रसाद ने विधानमंडल के दोनों सदनों में वर्ष 2020-21 की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार के प्रयास के कारण बिहार की विकास दर राष्ट्रीय औसत से भी अधिक रही है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में बिहार की विकास दर 10.05 प्रतिशत थी जबकि इसी अवधि में राष्ट्रीय विकास दर 4.2 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान मूल्य पर वित्तीय वर्ष 2019-20 में बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद छह लाख 11 हजार 804 रुपए था जबकि प्रति व्यक्ति राज्य सकल घरेलू उत्पाद 50 हजार 735 रुपये था।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में सरकार ने सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.6 प्रतिशत ऋण लिया था जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में यह 4.8 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति उर्जा खपत वित्तीय वर्ष 2012-13 में 145 यूनिट थी, जो वित्तीय वर्ष 2019-20 में बढ़कर 332 यूनिट हो गई। इस प्रकार सात वर्ष में 129 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसी प्रकार उर्जा उत्पादन क्षमता में 27.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि पन बिजली योजना में 50.06 प्रतिशत जबकि कोयले पर आधारित उर्जा उत्पादित क्षमता में 21.07 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सरकार के प्रयास से और बैंको के सहयोग के बावजूद अभी भी साख-जमा अनुपात राष्ट्रीय औसत से कम है। इसे बढ़ाने के लिए बैंकों को अधिक से अधिक ऋण उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य की आर्थिक गतिविधि में उल्लेखनीय प्रगति हुई है और यह आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट से स्पष्ट होता है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए आंकड़ों का संगहण और विश्लेषण करते समय विशेष ध्यान रखे जाने की आवश्यकता है। इस अवधि पर कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए आर्थिक गतिविधि से संबंधित आंकड़ों के विशलेषण के बाद वर्ष के अंत में रिपोर्ट जारी की जाएगी।

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