Edited By Nitika, Updated: 29 Nov, 2021 01:42 PM

बिहार और यूपी के 6-6 गांव आपस में स्थानांतरित होने जा रहे हैं। इसके लिए दोनों राज्यों के अफसर मसौदा तैयार करने में जुट गए हैं। वहीं ऐसा करने से न केवल सीमा विवाद खत्म होगा बल्कि बेतिया और कुशीनगर में विकास भी प्रभावित नहीं होगा।
पटनाः बिहार और यूपी के 6-6 गांव आपस में स्थानांतरित होने जा रहे हैं। इसके लिए दोनों राज्यों के अफसर मसौदा तैयार करने में जुट गए हैं। ऐसा करने से न केवल सीमा विवाद खत्म होगा बल्कि बेतिया और कुशीनगर में विकास भी प्रभावित नहीं होगा। इतना ही नहीं दोनों राज्यों के गांवों की अदला-बदली होने से आवागमन की परेशानी भी दूर हो जाएगी। वहीं यूपी और बिहार सरकार प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेज रही है।
तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त मिहिर कुमार सिंह ने इसे लेकर पश्चिमी चंपारण के डीएम को पत्र भेजा है। उन्होंने पत्र में कहा कि गंडक पार के पीपरासी प्रखंड के 7 गांवों- बैरी स्थान, मंझरिया, मंझरिया खास, श्रीपतनगर, नैनहा एवं भैसही कतकी में आने-जाने के लिए यूपी के रास्ते का इस्तेमाल किया जाता है। यूपी के रास्ते इन गांवों में जाने से प्रशासनिक परेशानी होती है। साथ ही आने-जाने में समय भी अधिक लगता है।
वहीं यूपी के कुशीनगर के मरछहवा, नरसिंहपुर, शिवपुर, बालगोविंद, वसंतपुर और हरिहरपुर गांवों में जाने के लिए यूपी प्रशासन को नेपाल और बिहार की सीमा से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में 20 से 25 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। अगर दोनों राज्यों के गांवों की अदला-बदली हो जाती है तो किसानों को भी काफी फायदा मिलेगा।