CM नीतीश की समाधान यात्रा: गया में जीविका दीदियों के साथ किया संवाद...बढ़ाया मनोबल

Edited By Mamta Yadav, Updated: 21 Jan, 2023 08:49 PM

cm nitish s samadhan yatra interacted with jeevika didis in gaya

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को समाधान यात्रा के क्रम में गया जिले की जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र, बोधगया में आयोजित संवाद कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में जीविका दीदियों ने हिस्सा...

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को समाधान यात्रा के क्रम में गया जिले की जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र, बोधगया में आयोजित संवाद कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। संवाद कार्यक्रम में जीविका समूह के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करने वाली 7 जीविका दीदियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये। सभी ने जीविका समूह से जुड़ने के बाद अपने परिवार के जीवन स्तर में हो रहे बदलाव को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।
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'अब नीम की डाल चंदन से कम नहीं, हमारा घर गया, बोधगया और लंदन से कम नहीं'
मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान जीविका दीदी नूरजहां खातून ने बताया कि वर्ष 2007 में दहेज नहीं देने के कारण ससुराल वालों ने मुझे घर से निकाल दिया था। मायके में मेरे पिता जी ने थोड़ी जगह दी तो मैं मिट्टी का घर बनाकर वहां रहने लगी। हम दोनों पति-पत्नी सिलाई का काम करते थे। फिर अगरबत्ती बनाने का काम हमलोगों ने शुरू किया। इसी बीच मेरे पति बीमार पड़ गये, आर्थिक तंगी हो गई, जिसके कारण हमलोग एक समय खाना खाते थे और एक समय भूखे पेट सोते थे। जीविका दीदी ने मेरी दयनीय स्थिति देखकर मुझे जीविका समूह से जुड़ने की सलाह दी। मैं जीविका समूह से जुड़ गई और समूह के काम से घर से बाहर जाने लगी तो मेरे पति तरह-तरह के सवाल खड़े करने लगे लेकिन जब मुझे समूह से आर्थिक मदद मिली तो सिलाई मशीन खरीदकर मैं घर पर कपड़ा सिलने का काम करने लगी। इससे प्रतिमाह 10-11 हजार रुपये की आमदनी होने लगी। खातून ने बताया कि मेरे बच्चे इंगलिश मीडियम स्कूल में पढ़ने लगे तब पति भी मुझे सहयोग करने लगे। मेरे तीन बच्चे हैं एक डिप्लोमा कर रहा है, एक इंटर में है और एक नौंवीं कक्षा में पढ़ रहा है। जीविका योजना के कारण मेरा सपना साकार हुआ। पैसे की बचत कर मैने अपना मकान बनाया आज मेरा परिवार खुशहाल है। बाल विवाह दहेज प्रथा के विरुद्ध और शराबबंदी के पक्ष में हम सभी जीविका दीदियां निरंतर अभियान चला रही हैं। 'अब नीम की डाल चंदन से कम नहीं, हमारा घर गया, बोधगया और लंदन से कम नहीं। उन्होंने जीविका समूह के प्रति अपना आभार प्रकट किया।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सविता ने दिया धन्यवाद
जीविका दीदी सविता देवी ने बताया कि हम पति-पत्नी दोनों विकलांग हैं। पहले शराब बनाने और बेचने का काम करते थे, जिसके कारण समाज में मान-सम्मान नहीं मिलता था। शराब पीने के बाद लोग गाली भी दिया करते थे। शराबबंदी के बाद खाने के लाले पड़ गये लेकिन जीविका समूह से मुझे दीदियों ने जोड़कर सतत् जीविकोपार्जन योजना का लाभ दिलाया जिससे ट्राई साइकिल खरीदकर अपने पति को दिया, जिससे वे बिस्किट बेचने का काम करने लगे। पैसे की बचत कर हमने दुकान खोली, आज मेरे तीनों बच्चे पढ़ रहे हैं। हर महीने 6 से 8 हजार रुपये की आमदनी हो रही है। मेरे बच्चों को अच्छा भोजन और वस्त्र जीविका योजना के कारण ही उपलब्ध हो सका है। इसके लिये मुख्यमंत्री नीतीश भईया को मैं बहुत-बहुत धन्यवाद हूं।
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जीविका योजना नीतीश भइया की देन है… अमोला
जीविका दीदी अमोला देवी ने बताया कि उनका परिवार शराब बनाने का काम करता था। वर्ष 2012 में मेरे पति का देहांत हो गया। 5 बच्चों के खर्च की जिम्मेवारी मेरे कंधे पर आ गई। इसी बीच मुझे जीविका समूह के विषय में जानकारी मिली। समूह से जुड़ने के बाद मिली आर्थिक मदद से वे अपने बेटे के लिये सेंटरिंग का सामान खरीदी। उनका बेटा पटना में सेंटरिंग का काम सीखा था। अब 10 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह आमदनी हो रही है। पैसे की बचत कर टेम्पू भी खरीदी। अब मेरा मकान भी बन गया है। जीविका योजना नीतीश भइया की देन है, जिसके कारण हमारा परिवार आगे बढ़ा है।
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एक समय बच्चों के लिये बिस्किट भी खरीदने में असमर्थ थीं... रीता
जीविका दीदी रीता देवी ने बताया कि गरीबी के कारण वे बच्चों के लिये बिस्किट भी खरीदने में असमर्थ थीं। वर्ष 2010 में जीविका समूह से जुड़ी उसके बाद झारखंड, यू०पी०, ओड़िशा, राजस्थान जाकर दीदियों को प्रशिक्षित करने का काम किया। आज मेरी बेटी बी०ए० की पढ़ाई कर रही है। 20 लाख खर्च कर मकान भी बना लिया और 12 कट्ठा जमीन भी खरीद ली। मुख्यमंत्री के प्रति मैं सदा आभारी रहूंगी।
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‘एक समय ऐसा था जब एक शाम भूखे पेट सोते थे’
जीविका दीदी गीता देवी ने बताया कि शराबबंदी से पहले ताड़ी बेचकर मेरे परिवार का भरण-पोषण होता था। पति बीमार रहते थे। हमारे 6 बच्चे थे, जीविका समूह से जुड़कर मैंने दुकान खोली और पति का इलाज भी कराया। आज मेरे सभी बच्चे पढ़ रहे हैं। एक समय ऐसा था कि एक शाम खाते और एक शाम भूखे पेट सोते थे। अब हमने अपना मकान भी बना लिया है।
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जीविका है तो हम महिलाओं का जीवन है: सुषमा कुमारी
जीविका दीदी सुषमा कुमारी ने बताया कि वर्ष 2012 में मेरी शादी हुई। घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी। वर्ष 2014 में जीविका समूह से जुड़कर गर्भवती महिलाओं के कल्याण के लिये काम शुरू किया। जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य के लिये गर्भवती महिलाओं को परामर्श देती हूँ। जन्म के तुरंत बाद बच्चे को मां का दूध पिलाना आवश्यक है। इससे बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास होगा। मेरा मानना है कि जीविका है तो हम महिलाओं का जीवन है। मैं ए०एन०एम० की ट्रेनिंग पूरी करने वाली हूं। जीविका समूह से जुड़कर ही मेरा यह सपना पूरा होने वाला है।


‘जीविका समूह से जुड़कर हमने मशरुम उत्पादन करना सीखा’
जीविका दीदी गीता कुमारी ने बताया कि जीविका समूह से जुड़कर हमने मशरुम उत्पादन करना सीखा। घर में वर्मी कम्पोस्ट बनाकर मशरुम उत्पादन करने लगी। अब 40 दीदियों से मशरूम की खेती करवा रही हूं। मशरुम उत्पादन के लिये हैदराबाद में मैने ट्रेनिंग ली थी। जीविका के लिये मुख्यमंत्री को धन्यवाद देती हूं।


संवाद से कई और बातों की जानकारी मुझे मिल रही है: CM
संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाधान यात्रा के दौरान विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। इसी सिलसिले में जीविका दीदियों के साथ मिलने और उनकी बात सुनने का मौका मिला है। मुझे इसके लिए बहुत खुशी हो रही है। हमारा उद्देश्य है कि सभी जगह घूमकर देखें, जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उसका लाभ लोगों को कितना मिल रहा है और क्या किये जाने की जरूरत है। आज 7 जीविका दीदियों ने अपनी बातें रखी हैं। आप से जो संवाद हो रहा है उससे कई और बातों की जानकारी मुझे मिल रही है। आपलोगों ने जो कई अच्छे कार्य किए हैं उससे आपके परिवार और समाज में जो बदलाव हो रहा है उसकी भी जानकारी मिली है। आज यहां बड़ी संख्या में जीविका दीदियां उपस्थित हैं। मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं और आपका अभिनंदन करता हूं।


संवाद कार्यक्रम में बोले CM-  महिलाएं आगे बढ़ेंगी तो समाज आगे बढ़ेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वर्ष 2006 में जीविका समूह का गठन किया। स्वयं सहायता समूह का नामकरण 'जीविका' किया और हमने ही जीविका दीदी का भी नामकरण किया। उस समय केंद्र सरकार के मंत्री ने आकर जीविका समूह के कामों को देखा और पूरे देश में इसका नामकरण 'आजीविका किया यानि बिहार की जीविका पूरे देश में आ जाए। उन्होंने कहा कि जीविका समूह से एक करोड़ 30 लाख से अधिक महिलायें जुड़ गई हैं। 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह का गठन हुआ है। हमलोगों ने कर्ज लेकर जीविका समूह की संख्या बढ़ाई। पहले महिलाएं बोल नहीं पाती थीं और अब कितने अच्छे ढंग से आगे बढ़कर अपनी बातें रख रही हैं और परिवार को भी आगे बढ़ा रही हैं। उन्होंने कहा कि पहले महिलाएं सिर्फ घर में काम करती थीं, अब पुरुष के साथ महिलाएं भी कमा रही हैं, जिससे परिवार की अच्छी आमदनी हो रही है। महिलाएं आगे बढ़ेंगी तो समाज आगे बढ़ेगा। हमलोगों ने गरीब परिवार को आगे बढ़ाने के लिए कई काम किए हैं। आप सभी जीविका दीदियां बेहतर काम कर रही हैं। आपका काम महत्वपूर्ण है। आपके काम से आपके परिवार का हित तो हो ही रहा है। साथ ही पूरा समाज आगे बढ़ रहा है। हम आपके हित में हमेशा काम करते रहे हैं।


बिहार पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान लिए काफी काम किया है। पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित किया। हमलोगों ने वर्ष 2013 में बिहार पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया। अब पुलिस बल में बड़ी संख्या में महिलाओं की भर्ती हो रही है। बिहार में जितनी महिलाएं पुलिस में हैं उतनी दूसरे राज्यों में भी नहीं हैं। इसके अलावा हमलोगों ने बिहार के सभी सरकारी सेवाओं की नौकरियों में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण का लाभ दिया है। बच्चियों को पढ़ाने के लिए पोशाक योजना, साइकिल योजना शुरू की गई। बिहार में इंजीनियरिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज में नामांकन हेतु एक तिहाई सीट आरक्षित की गई हैं।


महिलाओं की मांग पर ही शराबबंदी लागू की गई: CM नीतीश
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 के जुलाई महीने में जीविका समूह की एक बैठक में महिलाओं की मांग पर ही शराबबंदी लागू की गई। आप सभी गड़बड़ करने वाले लोगों को समझायें। शराब बुरी चीज है, इसका सेवन न करें। समाज में लड़कियों और महिलाओं का काफी महत्व है। आप सभी दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाते रहें। दहेज की लेन-देन करने वालों की शादी में शामिल न हों। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष की उम्र में लड़की की, जबकि 21 वर्ष की उम्र में लड़के की शादी होनी चाहिये। आप सभी अपने काम के साथ-साथ बाल विवाह के विरुद्ध अभियान भी चलाते रहिये। दहेज प्रथा खत्म होनी चाहिये। लड़के वाले को दहेज लेने का कोई औचित्य नहीं है, इसके लिये कानून बना हुआ है। समाज में लड़कियों और महिलाओं का काफी महत्व है। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में ठीक ढंग से पढ़ाई हो, शिक्षक उपस्थित रहें, इस पर आप सभी जीविका दीदियां नजर रखें और जो शिक्षक नहीं पढ़ाएं उसकी जानकारी दें।

‘शराब पीने से 200 प्रकार की गंभीर बीमारी भी होती हैं’
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब पीना बुरी बात है। इसके संबंध में हमने बुकलेट भी छपवाई है और घर-घर इसे पहुंचाया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शराब पीने से होने वाली बीमारी के बारे में 2018 में सर्वे की रिपोर्ट प्रकाशित की। इसमें बताया कि पूरे एक वर्ष में 30 लाख लोगों की मृत्यु हुई, जिसमें 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से हुई। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। जितने आत्महत्या के मामले आते हैं उसमें 18 प्रतिशत आत्महत्या शराब पीने के कारण होती हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाने से 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटना होती हैं। शराब पीने से 200 प्रकार की गंभीर बीमारी भी होती हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई थी और उस दौरान बापू ने कहा था कि शराब न सिर्फ आदमियों का पैसा छीन लेती है बल्कि बुद्धि भी हर लेती है। शराब पीने वाला व्यक्ति हैवान हो जाता है। सभी जीविका दीदियां लोगों को समझाएं और जहां भी जाएं सभी लोगों को बुकलेट दें।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में सर्वे कराया तो पता चला कि एक करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। फिर सर्वे कराने के लिए कहा है जिसमें और बातें सामने आएंगी। गड़बड़ करने वाले लोगों को समझाएं। हमलोग आपलोगों को बढ़ाना चाहते हैं, आपलोग अच्छे ढंग से काम कीजिए। आपलोगों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। जीविका समूह में सभी जाति, सभी धर्म के लोग मिलकर काम कर रहे हैं और सभी आगे बढ़ रहे हैं। आपका काम और बढ़े, आपकी आमदनी बढ़े, इसके लिए हम काम करते रहेंगे। समाज में किसी जाति, किसी धर्म के हों, सभी आपस में मिल-जुलकर रहें। एक-दूसरे के प्रति अच्छी भावना रखें। इससे समाज, परिवार और देश आगे बढ़ेगा। संवाद कार्यक्रम में जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न भेंटकर उनका स्वागत किया। सहकारिता मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र भेंटकर उनका अभिनंदन किया।

इस अवसर पर वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो० जमा खान, सूचना प्रावैधिकी मंत्री सह गया जिले के प्रभारी मंत्री मो0 इसराईल मंसूरी, कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत, सहकारिता मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव, अनुसूचित जाति / जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन, सांसद विजय मांझी, विधायक ज्योति देवी, विधायक विनय कुमार, विधायक अजय यादव, विधान पार्षद कुमुद वर्मा, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन सह गया जिले के प्रभारी सचिव बी0 राजेन्दर, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, आयुक्त मगध प्रमंडल मयंक बरबड़े, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी राहुल कुमार, गया के जिलाधिकारी डॉ० त्याग राजन एस०एम०, गया के वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती सहित जीविका दीदियां एवं अन्य वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

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