Edited By Ramanjot, Updated: 24 Jul, 2021 01:48 PM
सीएम नीतीश ने लिखा, "हम लोगों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। बिहार विधान मंडल ने दिनांक-18.02.19 एवं पुनः बिहार विधान सभा ने दिनांक-27.02.20 को सर्वसम्मति से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया था तथा इसेे केन्द्र सरकार को भेजा गया था।...
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से जाति आधारित जनगणना की मांग दोहराई है। हालांकि, संसद के मानसून सत्र में सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 2021 की जनगणना जाति आधारित नहीं होगी। वहीं नीतीश कुमार का कहना है कि केन्द्र सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए।
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, "हम लोगों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। बिहार विधान मंडल ने दिनांक-18.02.19 एवं पुनः बिहार विधान सभा ने दिनांक-27.02.20 को सर्वसम्मति से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया था तथा इसेे केन्द्र सरकार को भेजा गया था। केन्द्र सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए।"
गौरतलब है कि जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुर एक जैसे हैं। इससे पूर्व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा था, 'केंद्र सरकार हिंदुओं की बहुसंख्यक आबादी की जनगणना क्यों नहीं करवाना चाहती। जनगणना में मात्र एक कॉलम जोड़ पिछड़ों-अतिपिछड़ों की वास्तविक संख्या ज्ञात होने से किसे, क्या और किसका डर है।