Edited By Swati Sharma, Updated: 27 Dec, 2025 06:58 PM

Bihar News: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने कहा कि राज्य में हृदय रोगों की समय पर पहचान और उपचार के लिए शुरू की गई मुफ्त ईसीजी सेवा आमजन के लिए जीवनरक्षक साबित हो रही है। मंगल पांडेय ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि राज्य...
Bihar News: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने कहा कि राज्य में हृदय रोगों की समय पर पहचान और उपचार के लिए शुरू की गई मुफ्त ईसीजी सेवा आमजन के लिए जीवनरक्षक साबित हो रही है।
मंगल पांडेय ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि राज्य के सभी जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पताल स्तर तक और साथ ही 19 जिलों में संचालित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (यूपीएचसी-पॉलीक्लिनिक) पर भी यह सेवा सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में हब एंड स्पोक मॉडल के तहत उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2025 से विभिन्न सेवा प्रदाता एजेंसियों के माध्यम से शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य खासकर हृदयघात जैसे गंभीर रोगों की शुरुआती अवस्था में पहचान कर मरीज का त्वरित उपचार उच्च संस्थानों में कराना है। मंत्री पांडेय ने कहा कि कार्यक्रम की शुरुआत अप्रैल 2025 में 889 ईसीजी जांच से हुई थी,जो लगातार बढ़ते हुए नवंबर 2025 में 46,137 तक पहुंच गई। उन्होंने बताया कि मई 2025 में 4,984, जून में 9,213, जुलाई में 16,129, अगस्त में 16,324, सितंबर में 25,309 और अक्टूबर में 26,542 ईसीजी जांचें की गईं। केवल नवंबर 2025 में ही 46,137 लोगों को इस सुविधा का लाभ मिला, जो इस बात का प्रमाण है कि लोगों का भरोसा सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर लगातार मजबूत हो रहा है। अप्रैल से नवंबर 2025 तक लगभग 1,46,000 लोगों को मुफ्त ईसीजी सेवा प्रदान की जा चुकी है।
आने वाले समय में इस सेवा को और अधिक मजबूत किया जाएगा- Mangal Pandey
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) के तहत एसटीईएमआई प्रबंधन को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीपीपी मॉडल के माध्यम से तकनीक और विशेषज्ञता को सरकारी स्वास्थ्य ढांचे से जोड़कर यह सुनिश्चित किया गया है कि दूर-दराज और शहरी गरीब क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों का भी समय पर ईसीजी जांच हो सके और उन्हें जरूरत पड़ने पर उच्च संस्थानों में रेफर किया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि हर नागरिक को सुलभ सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मिले। आने वाले समय में इस सेवा को और अधिक मजबूत किया जाएगा, जिससे हृदय रोग से होने वाली असमय मृत्यु को रोका जा सके और बिहार को बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य मॉडल के रूप में स्थापित किया जा सके।