Jeevika Didi Bank : बिहार में जीविका दीदियों को मिला अपना बैंक, ‘जीविका निधि’ की हुई स्थापना

Edited By Ramanjot, Updated: 19 May, 2025 08:46 PM

jeevika didi bank

:बिहार सरकार महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को लेकर लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार को नीतीश सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया, जिसके तहत अब राज्य की जीविका दीदियों का खुद का बैंक होगा, जिसका नाम ‘जीविका निधि’ रखा गया है।

पटना:बिहार सरकार महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को लेकर लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार को नीतीश सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया, जिसके तहत अब राज्य की जीविका दीदियों का खुद का बैंक होगा, जिसका नाम ‘जीविका निधि’ रखा गया है। इससे न केवल वित्तीय लेन-देन आसान होगा बल्कि स्वावलंबन की दिशा में एक नई राह भी खुलेगी। कैबिनेट से इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने जीविका निधि के गठन से संबंधित ‘संकल्प’ जारी कर दिया है।

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"मेरा बैंक - मेरी शक्ति"

जीविका समूह की महिलाओं के लिए अब उनका खुद का बैंक होगा। बैंक के स्थापित करने के लिए बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का गठन किया गया है। इसका पंजीकरण बिहार सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1935 के अंतर्गत किया जाएगा। इससे जीविका दीदियों को किफायती ब्याज दर पर सुगम तरीके से ऋण मिल सकेगा। वे अपने छोटे-छोटे व्यवसायों को अधिक सशक्त कर सकेंगी। इसका संचालन पूरी तरह से जीविका दीदियों के लिए होगा। 

राज्यस्तर पर की गई परिकल्पना

इस विशेष क्रेडिट सहकारी संस्था की परिकल्पना राज्य स्तर पर की गई है, ताकि समुदाय आधारित संस्थाओं से जुड़ी बड़ी संख्या में परिवारों की आजीविका संवर्द्धन गतिविधियों के लिए वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके। इसका उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर पूंजीगत ऋण मुहैया कराना है। भविष्य में आवश्यकता अनुसार संघ की प्रबंधन समिति ब्याज दर तय करेगी। इससे स्थानीय साहूकारों, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों आदि से ऊंचे ब्याज दर पर पूंजी लेने की आवश्यकता कम होगी। साथ ही बैंकों से ऋण प्राप्त करने में होने वाली देरी को भी दूर किया जा सकेगा। 

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महिलाएं ही करेंगी संस्था का संचालन

गौरतलब है कि इस संस्था का संचालन महिला सदस्य ही करेंगी। यह महिला सशक्तिकरण को भी मजबूती प्रदान करेगा। यह संस्था ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न वित्तीय सेवाओं (बचत, ऋण, बीमा आदि) तक पहुंच को आसान बनाएगी। इसके माध्यम से महिलाओं के बीच ऋण प्रवाह में आसानी होगी और माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं पर निर्भरता घटेगी। सदस्यों की व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुरूप ऋण उत्पाद तैयार किए जाएंगे और बड़ी राशि के ऋण की मांग समय पर पूरी की जाएगी। साथ ही सामुदायिक निधि के संबंध में जोखिम को भी कम किया जा सकेगा।

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स्थापना के लिए 1 हजार करोड़ रुपये का होगा निवेश 

बिहार स्टेट जीविका निधि क्रेडिट सहकारिता यूनियन लिमिटेड के सुचारु संचालन के लिए पूंजी की व्यवस्था निम्न प्रकार से की गई है। 

  •  प्रत्येक क्लस्टर स्तर की समिति को 10 लाख रुपये दीर्घकालिक जमा के रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे, जिन पर पूर्व निर्धारित ब्याज दर पर जीविका निधि के स्तर से प्रतिवर्ष ब्याज दिया जाएगा। इसके अलावा अतिरिक्त कार्यशील पूंजी की व्यवस्था के लिए समुदाय संस्थाओं (एसएचजी और ग्राम संगठन) से पूर्व निर्धारित ब्याज दर पर सावधि जमा ली जा सकती है।
  •   ‘जीविका निधि’ को स्थापित करने के लिए 1 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इसमें बिहार सरकार 500 करोड़ रुपये का सीधे तौर पर अनुदान देगी और 400 करोड़ रुपये शेयर पूंजी के तौर पर प्राथमिक समितियों से एकत्र किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सूचना प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली को विकसित करने के लिए राज्य सरकार 100 करोड़ रुपये अलग से अतिरिक्त अनुदान के तौर पर देगी।
  •    110 करोड़ रुपये की राशि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) की तरफ से दी जाएगी।
  •    राज्य सरकार, जीविका निधि द्वारा किसी भी वित्तीय संस्था (बैंक, नाबार्ड, एलआईसी, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक आदि) से लिए गए ऋण के लिए गारंटर बनेगी।

बिहार स्टेट जीविका निधि क्रेडिट कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड का संचालन बिहार सहकारी समिति अधिनियम, 1935 के अंतर्गत बने नियमों के आधार पर किया जाएगा। इसका संचालन आम निकाय, प्रतिनिधि आम निकाय, प्रबंधन समिति और पदाधिकारी मिलकर करेंगे।

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