Edited By Ramanjot, Updated: 13 May, 2025 08:59 PM

बिहार के 15 जिलों में जल्द सहकारिता बैंक खोलने की कवायद शुरू होने जा रही है। इन जिलों की 144 प्रखंडों में इसे खोलने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से राज्य सरकार ने अनुमति मांगी है।
पटना: बिहार के 15 जिलों में जल्द सहकारिता बैंक खोलने की कवायद शुरू होने जा रही है। इन जिलों की 144 प्रखंडों में इसे खोलने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से राज्य सरकार ने अनुमति मांगी है। अनुमति मिलने के बाद सहकारिता बैंक की शाखाएं खोली जाएंगी। वर्तमान में 23 जिलों में सहकारिता बैंक मौजूद हैं। सभी 534 प्रखंडों में अभी 290 में सहकारिता बैंकों की शाखाएं खुल चुकी हैं। ये बातें मंगलवार को सहकारिता विभाग मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के संवाद कक्ष में आयोजिक प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने अंतराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के आयोजन के अवसर पर राज्य में विभिन्न सहकारी बैंकों की तरफ से चलाए जा रहे विशेष अभियान के बारे में भी जानकारी दी। 6 मई से 30 मई तक बिहार राज्य सहकारी बैंक तथा जिला स्तरीय सहकारी बैंकों की सभी शाखाओं में विशेष बैंकिग अभियान चलाया जा रहा है।
15 जून तक सभी प्रखंडों में खुलेगा वेजफेड
मंत्री ने कहा कि किसानों को मदद पहुंचाने के लिए हमने बिहार स्टेट वेजिटेबल प्रोसेसिंग एंड मार्केटिंग फेडरेशन यानि वेजफेड बनाया है। 470 प्रखंडों में हमारी समिति गठित हो चुकी है। 15 जून तक राज्य के सभी प्रखंडों इसका गठन हो जाएगा, तब यह बिस्कोमान की तरह एक बड़ा फेडरेशन बन जाएगा। बिस्कोमान की तर्ज पर ही वेजफेड का गठन किया जा रहा है। इससे बिहार की जो सब्जियां कोल्ड स्टोरेज के अभाव में बर्बाद हो जाती थी वे अब बर्बाद नहीं होंगी। इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। इस सिलसिले में राज्य के सभी प्रखंडों 10 टन का कोल्ड स्टोरेज, 20 टन का गोदाम आदि खोले जाएंगे। इसको लेकर काम शुरु हो चुका है।
सहकारिता विभाग की प्रमुख योजना के तहत संयुक्त देयता समूह (जेएलजी) और स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के माध्यम से एक लाख किसानों और मजदूरों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है।
6 से 30 मई तक चलेगा विशेष अभियान
मंत्री ने अंतराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के आयोजन के अवसर पर राज्य में विभिन्न सहकारी बैंकों के स्तर पर चलाए जा रहे विशेष अभियान से संबंधित विस्तार से जानकारी दी। बताया कि इस अभियान के दौरान 6 मई को बैंकों में विशेष कार्यक्रम के तहत माइक्रो एटीएम का वितरण, जमा वृद्धि और नए खाते खोले गए। 7 मई को ऋण वसूली अभियान चलाया गया। 8 मई को संयुक्त देयता समूह और स्वयं सहायता समूहों को ऋण वितरित किया गया। 9 मई को वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम और जमा वृद्धि अभियान आयोजित किया गया। 10 मई को किसान क्रेडिट कार्ड वितरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह अभियान 30 मई तक जारी रहेगा।
अब तक 1 हजार 123 स्थानों पर सहकारिता जागरूकता, वित्तीय समावेशन और बैंकिंग सेवाओं से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए गए। एक सप्ताह में 805 पंचायतों तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाई गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में रूरल बैंकिंग को प्रोत्साहित करने के लिए 14 माइक्रो एटीएम वितरित किए गए। 1,723 से अधिक नए बैंक खाते खोले गए है और ऋण वसूली के तहत 60,50,038 रुपये की वसूली की गई है।
साथ ही 203 किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को 1 करोड़ 42 लाख 10 हजार रुपये से अधिक की राशि वितरित की गई। 603 किसान क्रेडिट कार्ड धारकों का 4 करोड़ 22 लाख 10 हजार रुपये से नवीनीकरण किया गया। 325 से अधिक किसानों को स्वयं सहायता समूह के रूप में 50 लाख 30 हजार रुपये का ऋण वितरित किया गया, जिससे समूह आधारित वित्तीय सहयोग को बढ़ावा मिला है।
प्रेस वार्ता में सहकारिता विभाग के अपर सचिव अभय कुमार सिंह, अपर निबंधक प्रभात कुमार, प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड मनोज कुमार सिंह सहित अन्य विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे।