Edited By Swati Sharma, Updated: 17 Nov, 2022 05:09 PM

जानकारी के मुताबिक, कमलेश सहरसा जिले के रहने वाले है। वह एक गरीब परिवार से संबंध रखते है। कमलेश की अच्छी पढ़ाई के लिए उनके पिता कभी कुली का काम किया तो कभी रिक्शा चलाया। इसके बाद उनके पिता ने एक ठेले पर छोले-भटूरे बेचने का काम शुरू किया। कमलेश की...
सहरसाः कुछ लोगों को अपने पद और धन का घमंड इस कदर हो जाता है कि वह दूसरों को नीचा समझने लगते हैं। लेकिन वहीं लोग अपने अपमान का बदला किसी को नीचा दिखाकर नहीं बल्कि कुछ बनकर लेते हैं। ऐसा ही कुछ बिहार के सहरसा जिले के कमलेश नामक युवक ने करके दिखाया है। कमलेश ने अपने पिता की मार का बदला जज बनकर लिया है।
एक गरीब परिवार से संबंध रखते हैं कमलेश
जानकारी के मुताबिक, कमलेश सहरसा जिले के रहने वाले है। वह एक गरीब परिवार से संबंध रखते है। कमलेश की अच्छी पढ़ाई के लिए उनके पिता कभी कुली का काम किया तो कभी रिक्शा चलाया। इसके बाद उनके पिता ने एक ठेले पर छोले-भटूरे बेचने का काम शुरू किया। कमलेश की ज़िंदगी में उस दिन टर्निंग पॉइंट आया जब एक पुलिसकर्मी ने उनके पिता को थप्पड़ मार दिया। कमलेश कुमार ने कहा कि उनके पिता का जन्म गरीब परिवार में हुआ है और उनके 10 भाई-बहन हैं। अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए वह दिल्ली काम करने के लिए आ गए थे। जहां पर वह एक झुग्गी-झोपड़ी में रहने लगे, लेकिन दुर्भाग्य से उन झुग्गी-झोपड़ियों को सरकार ने हटाने का आदेश दिया और उन सभी झुग्गी-झोपड़ी को तोड़ दिया गया।

पुलिसकर्मी ने पिता को मारा था थप्पड़
वहीं इसके बाद कमलेश के पिता एक किराए के मकान में रहने लगे। उन्होंने वहां पर एक ठेला लगाने का काम शुरू कर दिया। कमलेश अक्सर अपने पिता के साथ ठेले पर आ जाते थे। इसी दौरान जब वह एक दिन ठेले पर अपने पिता के साथ गए हुए थे तो एक पुलिसकर्मी वहां पर आया और उसके पिता को थप्पड़ मार दिया। साथ ही उनका जबरन ठेला बंद करवा दिया, लेकिन वह इस अपमान का कड़वा घूंट पी गए।
कमलेश ने बिहार न्यायपालिका परीक्षा में 64वीं रैंक की हासिल
बता दें कि यह सब देखकर कमलेश को बहुत गुस्सा आया और वह इस घटना को नहीं भूल पाया। कमलेश के पिता ने उसे बताया कि पुलिस वाले जज से बहुत ज्यादा डरते है। बस इसके बाद कमलेश ने जज बनने की ठान ली और अब उन्होंने 2022 में हुई बिहार न्यायपालिका परीक्षा में 64वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में लॉ की पढ़ाई की है। कमलेश ने अपने दूसरे प्रयास में इस परीक्षा में सफलता हासिल की है। कमलेश की इस सफलता से परिवार में खुशी का माहौल हैं। उन्होंने अपने पिता के अपमान का बदला जज बनकर लिया हैं।