Edited By Ramanjot, Updated: 29 Dec, 2025 07:08 AM

बिहार पुलिस को नक्सलवाद के खिलाफ अभियान में रविवार को बड़ी सफलता हाथ लगी है। मुंगेर जिले में सक्रिय तीन इनामी नक्सलियों ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) विनय कुमार के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
Bihar News: बिहार पुलिस को नक्सलवाद के खिलाफ अभियान में रविवार को बड़ी सफलता हाथ लगी है। मुंगेर जिले में सक्रिय तीन इनामी नक्सलियों ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) विनय कुमार के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में दो कुख्यात नक्सली ऐसे हैं जिन पर तीन-तीन लाख रुपये का इनाम घोषित था।पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह आत्मसमर्पण सरकार की सरेंडर-कम-रीहैबिलिटेशन पॉलिसी, लगातार चल रहे सुरक्षा अभियानों और स्थानीय लोगों के सहयोग का प्रत्यक्ष परिणाम है।
RSK कॉलेज कैंपस में हुआ सशस्त्र आत्मसमर्पण
मुंगेर जिले के नक्सल प्रभावित खड़गपुर थाना क्षेत्र स्थित RSK कॉलेज परिसर में आयोजित विशेष कार्यक्रम के दौरान तीनों नक्सलियों ने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी मौजूद रहे।
कौन-कौन नक्सली हुए गिरफ्तार?
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की पहचान इस प्रकार हुई है
- नारायण कोड़ा: जोनल कमांडर, 23 नक्सली मामलों में फरार
- बहादुर कोड़ा: जोनल कमांडर, 24 नक्सली कांडों में वांछित
- बिनोद कोड़ा: दस्ता सदस्य, 3 नक्सली मामलों में फरार
इन सभी पर लंबे समय से पुलिस की नजर थी।
हथियार और गोला-बारूद भी किया गया जमा
नक्सलियों ने आत्मसमर्पण के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद पुलिस को सौंपे। इनमें शामिल हैं—
- 2 इंसास राइफल
- 4 SLR राइफल
- लगभग 500 जिंदा कारतूस
- वॉकी-टॉकी सेट
- बम और अन्य आपत्तिजनक सामग्री
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और नक्सलियों के परिजन रहे मौजूद
कार्यक्रम में DGP विनय कुमार के अलावा ADG (Law & Order) कुंदन कृष्णन, STF SP संजय सिंह सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
इस अवसर पर पहले आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली रावण कोड़ा और भोला कोड़ा के परिजन भी शामिल हुए। पुलिस प्रशासन ने नक्सलियों के परिवारों को सम्मानित कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का संदेश दिया।
DGP विनय कुमार का बयान
पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने कहा कि “माओवाद उन्मूलन के क्षेत्र में बिहार ने उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य के 23 अतिउग्रवाद प्रभावित इलाकों में अब नक्सलियों की मौजूदगी शून्य हो चुकी है। विकास कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ाया गया है, जिससे लोग हिंसा छोड़कर विकास की राह अपना रहे हैं।” उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की रणनीति और विकास योजनाओं के कारण नक्सलवाद अब अंतिम दौर में है।