Edited By Swati Sharma, Updated: 12 Jan, 2023 01:50 PM

संत जगदगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस ग्रंथ को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है। यह सभी सनातनियों का अपमान है। शिक्षा मंत्री की इस टिप्पणी से पूरा देश आहत है। उन्हें अपने पद से संस्पेड किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं...
पटनाः बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर के द्वारा रामचरितमानस ग्रंथ को लेकर दिए हुए विवादित बयान के बाद सियासत गरमा गई है। अयोध्या के एक संत जगदगुरु परमहंस आचार्य ने शिक्षा मंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की जीभ काटने वाले को 10 करोड़ रुपए का इनाम देने की घोषणा करता हूं।
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"जीभ काटने वाले को दूंगा 10 करोड़ रुपए का इनाम"
संत जगदगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस ग्रंथ को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है। यह सभी सनातनियों का अपमान है। शिक्षा मंत्री की इस टिप्पणी से पूरा देश आहत है। उन्हें अपने पद से संस्पेड किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मैं बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की जीभ काटने वाले को 10 करोड़ रुपए का इनाम देने की घोषणा करता हूं। बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर ने मनु स्मृति और रामचरितमानस को समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है।
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शिक्षा मंत्री ने कहा कि रामचरितमानस समाज में दलितों और वंचित महिलाओं को पढ़ने से रोकता है। साथ ही कहा कि भारत सशक्त और समृद्ध मोहब्बत से बनेगा, नफरत से नहीं। देश में जितनी जातियां हैं, उतनी ही नफरत की दीवार है। जब तक रामचरितमानस समाज में मौजूद रहेगी, भारत विश्वगुरु नहीं बन सकता है। उन्होंने कहा कि वंचित तबके के लोगों पर दबाकर रखा गया है। जातिगत गणना करके सरकार उन्हें उचित सम्मान देने का काम करेगी। उधर, शिक्षा मंत्री अपने बयान पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पुरखे जीभ कटवाते रहे हैं इसलिए हम अपने बयान पर अडिग हैं। उन्होंने बोला कि मैंने कुछ गलत नहीं कहा है।