Edited By Nitika, Updated: 30 Jul, 2024 11:16 AM

बिहार में बरसात में पुलों का गिरना एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। इसका मुख्य कारण विभाग की तरफ से कभी भी इसके रखरखाव एवं मरम्मती को लेकर ठोस रूप से काम नहीं करना। इसी क्रम में ताजा खबर रोहतास जिले के सासाराम से है, जहां सासाराम चौसा पथ के गारा चौबे...
सासाराम(मिथिलेश कुमार): बिहार में बरसात में पुलों का गिरना एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। इसका मुख्य कारण विभाग की तरफ से कभी भी इसके रखरखाव एवं मरम्मती को लेकर ठोस रूप से काम नहीं करना। इसी क्रम में ताजा खबर रोहतास जिले के सासाराम से है, जहां सासाराम चौसा पथ के गारा चौबे नहर पर बना लगभग 70 वर्ष पुराना पुल रखरखाव व मरम्मती के अभाव में जर्जर होता जा रहा है। इसे लेकर स्थानीय लोग बहुत चिंतित है।
पुल के दोनों तरफ बने दीवार क्षतिग्रस्त
पुल के दोनों तरफ बने रेलिंग एवं सुरक्षा दीवार पूरी तरह टूट चुके हैं तथा ऊपर के स्लैब में भी कई जगह दरारें दिखाई दे रही हैं, जिससे लोगों को अब इसके ध्वस्त होने का भी डर सताने लगा है। स्थानीय लोग बताते हैं कि पुल के सुरक्षा दीवार के टूटने से आए दिन हादसे होते रहते हैं तथा नगर निगम क्षेत्र में होने के बावजूद भी यहां रात्रि में लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है। पुल के दोनों तरफ सड़क में घुमाव होने के कारण चालक रात्रि में रौशनी के अभाव में अपना संतुलन भी खो देते हैं, जिससे बड़े हादसों के होने की आशंका भी बनी रहती है।

विभाग के स्तर से रखरखाव एवं मरम्मती को लेकर कोई कार्रवाई नहीं
वहीं एक स्थानीय बुजुर्ग ने पुल की आयु को लेकर बताया कि पुल लगभग 70 वर्ष से खड़ा है। लेकिन विभाग के स्तर से कभी भी इसके रखरखाव एवं मरम्मती को लेकर ठोस रूप से काम नहीं किए गए। हालांकि कई बार पुल के ऊपर की सुरक्षा दीवार को बनाया गया लेकिन बार-बार वाहनों के धक्के से रेलिंग टूटने से हमेशा खतरा बना रहता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पुल सासाराम चौसा मुख्य मार्ग पर अवस्थित है तथा इस मार्ग से प्रतिदिन हजारों वाहन बक्सर से लेकर उत्तर प्रदेश एवं अन्य जिलों में भी जाते हैं। वहीं सासाराम चौसा पथ को अब स्टेट हाईवे का भी दर्जा मिल चुका है। जिससे इस पुल की महत्ता और भी बढ़ जाती है।

बता दें कि बिहार में इन दिनों मरम्मती एवं रखरखाव के अभाव में पुलों के ध्वस्त होने का सिलसिला जारी है। आए दिन बिहार के विभिन्न जिलों से छोटे-बड़े पुल पुलियों के टूटने के वीडियो वायरल हो रहे हैं। इसके बावजूद भी संबंधित विभाग द्वारा पुल-पुलियों की मरम्मती को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। इसके अतिरिक्त अब बाराडीह में लगभग 70 वर्ष पुराने पुल का मरम्मत न होना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।