Edited By Diksha kanojia, Updated: 04 Oct, 2021 12:03 PM
जैन धर्म में दीक्षा ग्रहण करने के पहले तीर्थ स्थलों का दर्शन करने निकले 72 दीक्षार्थी झारखंड के पारसनाथ पहाड़ी स्थित सम्मेद शिखरजी का दर्शन करने के बाद रविवार को रांची पहुंचे, जहां झारखंड सरकार की ओर से वित्त सह खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर...
रांचीः देश में जैन धर्म का सबसे बड़ा दीक्षा महा- उत्सव नवंबर महीने के अंतिम सप्ताह में सूरत में होने जा रहा है। जैन धर्म में दीक्षा ग्रहण करने के पहले तीर्थ स्थलों का दर्शन करने निकले 72 दीक्षार्थी झारखंड के पारसनाथ पहाड़ी स्थित सम्मेद शिखरजी का दर्शन करने के बाद रविवार को रांची पहुंचे, जहां झारखंड सरकार की ओर से वित्त सह खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव के साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता आलोक कुमार दूबे,लाल किशोर नाथ शाहदेव,डा राजेश गुप्ता छोटू ने उनका स्वागत किया।
इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर, राज्य के कृषि मंत्री बादल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, वरिष्ठ नेता रोशन लाल भाटिया,विनीता पाठक नायक, सुषमा हेंब्रम, सोनी नायक, अर्चना मिर्धा मुख्य रूप से उपस्थित थे। वित्त मंत्री डॉ. उरांव ने दीक्षार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस देश में सबसे पुराने धर्म में शामिल बौद्ध और जैन धर्म को समकालीन माना जाता है। जैन धर्म में दीक्षा लेने के लिए 72 सदस्य आज सूरत के लिए रवाना हो रहे है, इनसे समाज को सीखने की जरूरत है।आज कई लोग धन एकत्रित करने और गरीबों का शोषण करने में ही अपने कोबड़ा समझते है, उन्हें यह समझने की जरूरत है।
दीक्षा लेने वाले सभी सदस्य धनवार है, संपत्ति वाले परिवार से आते है, लेकिन इन्होंने सबकुछ त्याग कर समाज को एक संदेश देने का काम किया है, करूणा, त्याग और प्रेम तथा भाईचारे के इस संदेश से समाज को एक नयी दिशा मिलेगी। राज्य सरकार की ओर से इन सभी दीक्षार्थियों का स्वागत किया गया और आने वाले समय में इन्होंने जो कठिन जीवन व्यतीत करने का निर्णय लिया है, वह बढि़या से बीते, यही ईश्वर से कामना है और इन्होंने अपना सबकुछ धन दौलत, परिवार, नाता-रिश्ता त्याग कर जो संदेश दिया है, समाज उसके लिए कृतज्ञता व्यक्त करता है और आने वाले समय में समाज में प्रेम और आपसी भाईचारे में बढ़ोत्तरी होगी।