Edited By Nitika, Updated: 20 Feb, 2024 11:39 AM

झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि समाज के अंदर सबसे ज्यादा देवी मां का ही पूजा-अर्चना की जाती है और संसार में मां का अलग और महत्वपूर्ण स्थान है।
रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि समाज के अंदर सबसे ज्यादा देवी मां का ही पूजा-अर्चना की जाती है और संसार में मां का अलग और महत्वपूर्ण स्थान है।
मुख्यमंत्री ने चतरा जिला के इटखोरी मां भद्रकाली मंदिर परिसर में आयोजित 'राजकीय इटखोरी महोत्सव' को संबोधित करते हुए कहा कि चाहे वो भगवान रूपी देवी मां हो या मनुष्य को जन्म देने वाली मां हो, मां सदैव पूजनीय एवं वंदनीय होती हैं। मनुष्य जीवन को अत्याचार और दुराचार से बचाने के लिए ही देवी मां का अवतरण होता है। मां ही हम सभी का दशा-दिशा तय करती हैं। हम सभी लोग विद्या, ज्ञान के लिए सरस्वती माता का वंदन करते हैं, वहीं सुख समृद्धि और वैभव के लिए लक्ष्मी मां का पूजा-अर्चना करते हैं। इसी प्रकार मां भद्रकाली के पूजन से हम सभी लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने आज चतरा जिला के इटखोरी स्थित मां भद्रकाली मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना कर समस्त झारखंड वासियों की सुख समृद्धि एवं उन्नति की कामना की है। तीन दिवसीय राजकीय इटखोरी महोत्सव के अवसर पर मैं पूरे राज्यवासियों को अपनी ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।
वहीं चंपई सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार ने पहले से ही यह तय कर रखा है कि राज्य के भीतर सभी धर्म-समुदाय के धार्मिक स्थलों को संरक्षित किया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में ही हमारी सरकार ने शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सभी वर्ग समुदाय के धार्मिक स्थलों का सुंदरीकरण कार्य करते हुए संरक्षित करने का काम कर रही है। आज राजकीय इटखोरी महोत्सव के अवसर पर विभिन्न वर्ग-समुदायों के धर्मगुरु भी यहां उपस्थित हैं। आज बहुत उमंग और खुशी का दिन है। हम सभी लोग आज माता रानी की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना करते हैं। किसी भी वर्ग-समुदाय के लोगों को उनके धार्मिक आस्था पर कोई ठेस न पहुंचे, इस हेतु हमारी सरकार कृतसंकल्पित है। इटखोरी देश और दुनिया में एक बड़ा धार्मिक स्थल के रूप में विकसित कर रहा है। आने वाले समय में इटखोरी एक जाना पहचाना धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित हो यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है।